जिले में नलकूप खनन पर 30 जून तक प्रतिबंध, कलेक्टर ने जारी किए आदेश.......बलौदाबाजार -भाटापारा जिला जलभराव ग्रस्त क्षेत्र घोषित........

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Yuvraj Yadav-09977508311
फाईल फ़ोटो
 बलौदाबाजार।  जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी  दीपक सोनी ने छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 11 अप्रैल से 30 जून 2025 तक बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को जलभराव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है।उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत जिले में उक्त दर्शित अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं करेगा। शासकीय/अर्धशासकीय/नगरीय निकायों को पेयजल हेतु अपने क्षेत्राधिकार सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, परन्तु वे भी निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे। कोई भी व्यक्ति द्वारा अनुज्ञा के बिना अधिनियम का उल्लंघन करते हुए नलकूप खनन करते पाए जाने पर पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1987 के धारा 3 या 4 के उपबंधों का उल्लंघन पर कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डनीय होगा।

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक सोनी ने जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 06 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया है जो संबंधित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी,नगरीय निकाय,तहसीलदार,नायब तहसीलदार से रिपोर्ट प्राप्त कर नियमानुसार अनुमति प्रदान करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व अनुविभाग बलौदाबाजार क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्र हेतु प्राधिकृत अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बलौदाबाजार, अनुविभाग पलारी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हेतु अनुविभागीय (रा.) पलारी, अनुविभाग भाटापारा के तहत आने वाले क्षेत्र हेतु अनुविभागीय अधिकारी (रा.) भाटापारा, अनुविभाग सिमगा अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हेतु अनुविभागीय अधिकारी(रा.) सिमगा, अनुविभाग कसडोल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हेतु अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) कसडोल एवं अनुविभाग गिरौद के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र हेतु अनुविभागीय अधिकारी, (रा.) गिरौद को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। समस्त प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन आवश्यक होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेंगे।

बोरवेल खनन अथवा बोरवेल मरम्मत का कार्य पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही किया जायेेगा। किसी भी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा उक्त अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन करते पाए जाने पर उसके विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।