दिल्ली पुलिस ने राजधानी में ट्रैफिक मैनेजमेंट में सुधार लाने और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए 100 दिन का ऐक्शन प्लान बनाया है। सूत्रों ने बताया कि शनिवार को लागू किए गए इस ऐक्शन प्लान का मकसद यातायात की भीड़ को कम करना, वाहन चालकों और पैदल यात्रियों दोनों के बीच ट्रैफिक नियमों के अनुपालन को बढ़ाना, सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और समन्वित अंतर-एजेंसी प्रयासों के माध्यम से अतिक्रमण हटाना शामिल है।
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस विभाग ने इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 25 प्रमुख उपायों की रूपरेखा तैयार की है। इन उपायों में बस स्टैंडों को अधिक उपयुक्त स्थानों पर शिफ्ट करना, सड़कों की मरम्मत और उनका पुनर्निर्माण करना, सड़क चिन्हों को नया रूप देना और उचित संकेत और जेब्र क्रॉसिंग बनाना शामिल है। इस योजना में गड्ढों और पानी के रिसाव को दूर करने के लिए जल निकासी व्यवस्था को ठीक करना, कचरा डंप और अनधिकृत डंपिंग यार्ड को हटाना या शिफ्ट करना और सिविक एजेंसियों द्वारा नागरिक कार्यों को समय पर पूरा करना भी शामिल है।
इसके अलावा, ऐक्शन प्लान में सड़क पर कटों को खोलना और बंद करना, साप्ताहिक बाजारों का बेहतर प्रबंधन और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा तय वेंडिंग जोन का आवंटन शामिल है। अन्य कदमों में अंडरपास और फुटओवर ब्रिज का उचित उपयोग सुनिश्चित करना और जहां आवश्यक हो, सड़कों या सेंट्रल वर्ज को बाधित करने वाले धार्मिक ढांचों को शिफ्ट करना हटाना शामिल है।
ऐक्शन प्लान में ट्रैफिक नियमों से जुड़े रूल्स और रेगुलेशंस को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी सिफारिश की गई है। इनके अलावा हाईट बैरियर लगाना, बोलार्ड लेन डिसिप्लिन सिस्टम लागू करना, सेंट्रल वर्ज पर ग्रिल लगाना, विजिबिलिटी को बाधित करने वाले पेड़ों और झाड़ियों की नियमित छंटाई करना तथा टैक्सियों के लिए तय पार्किंग स्थान बनाना शामिल है।
अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस ऐक्शन प्लान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अन्य संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य सभी हितधारकों के बीच तत्परता को बढ़ावा देना है ताकि पूरी दिल्ली में सड़क व्यवस्था और सुरक्षा में सुधार हो सके।
हालांकि, अधिकारियों ने ऐक्शन प्लान को लागू करने में कई चुनौतियां होने की बात मानी है। इनमें खराब सड़क डिजाइन, बस स्टैंड और रैन बसेरों की अनुचित स्थिति, ट्रैफिक में बाधा डालने वाले आवारा पशु और अच्छी तरह से बनाए गए सेंट्रल वर्ज की कमी से उत्पन्न होने वाली समस्याएं शामिल हैं। अतिरिक्त चुनौतियों में गड्ढों और अवरोधों से भरी असुरक्षित सड़कें, पैदल यात्री क्रॉसिंग के लिए अपर्याप्त सुविधाएं, अपर्याप्त संकेत और आमतौर पर अनुशासनहीन सड़क उपयोगकर्ता शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद, व्यापक उपायों से शहर की यातायात स्थितियों में काफी सुधार होगा और सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ेगी।
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