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दिल्ली में पिछले महीने दो दिन की जुड़वां बच्चियों की उनके पिता द्वारा हत्या की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पति ने अपनी गर्भवती पत्नी की नोएडा के एक क्लीनिक में जबरन लिंग निर्धारण जांच कराई थी। इसके लिए उसने एक डॉक्टर को 1.7 लाख रुपये का भुगतान भी किया था। जांच के दौरान यह भी पता चला कि दोनों बच्चियों की हत्याएं पूर्व नियोजित थीं क्योंकि सोलंकी ने बच्चियों को दफनाने से पहले दो दिनों तक भूखा रखकर उन्हें "यातनाएं" दी थीं।

अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने आरोपी व्यक्ति की पहचान 32 वर्षीय नीरज सोलंकी के रूप में की है। उसने बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में अपने घर के पास एक श्मशान घाट में दफनाने से पहले दोनों बच्चियों को भूखा रखा था। आरोपी और उसके परिवार ने महिला के गर्भ में जुड़वां लड़कियां होने का पता चलने के बाद गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, वह हरियाणा के रोहतक में अपने माता-पिता के घर चली गई और डिलीवरी होने तक छह महीने वहीं रही। पुलिस अब उस डॉक्टर की तलाश कर रही है जिसने अवैध लिंग निर्धारण टेस्ट किया था।

लड़कियां होने से नाखुश था पिता

आरोपी नीरज सोलंकी को चौंकाने वाली घटना के एक महीने से अधिक समय बाद मंगलवार को रोहतक के सांपला से गिरफ्तार किया गया। उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। सोलंकी अपनी नवजात बच्चियों के जन्म के तुरंत बाद उनकी मां को छुट्टी दिए जाने के दौरान अस्पताल से लेकर भाग गया था। उसने अपनी पत्नी से कहा था कि वह बच्चियों को अपनी कार में लेकर पीछे से रोहतक आ रहा है। हालांकि, वह रोहतक जाने के बजाय दिल्ली के सुल्तानपुरी में अपने घर पहुंच गया और उन्हें पास के श्मशान घाट में दफना दिया। अधिकारियों ने कहा कि वह लड़कियां होने से नाखुश था।

आईवीएफ के जरिए गर्भवती हुई थी पूजा

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नीरज सोलंकी और उसकी पत्नी पूजा की शादी 2022 में हुई थी। यह दंपती बच्चे के लिए काफी कोशिश कर रहा था, लेकिन पूजा को गर्भधारण करने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद पूजा ने पिछले साल दिल्ली में इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) करवाया। अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, "यह उसके लिए कठिन गर्भावस्था थी, क्योंकि शुरू में उसके तीन बच्चे हुए थे, लेकिन उसके स्वास्थ्य के कारण एक भ्रूण को सर्जरी द्वारा निकालना पड़ा था।"

उन्होंने कहा, "सोलंकी और उसके परिवार ने पूजा से झूठ बोला और उसे बताया कि लिंग निर्धारण टेस्ट के लिए ले जाने से पहले यह एक मेडिकल जांच थी। एक पंजीकृत डॉक्टर ने टेस्ट किया। जब रिपोर्ट आई, तो सोलंकी ने अपनी पत्नी पर गर्भपात के लिए दबाव डाला, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हुई।"

बच्चियों को झूठ बोलकर साथ ले गया था पति

उसने 30 मई को जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया और अगले दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पुलिस ने कहा कि 1 जून को सोलंकी अपने परिवार के साथ आया और बच्चों को ले गया। उसने अपनी पत्नी को आश्वासन दिया कि वह बच्चियों को इस्माइला में उसके माता-पिता के घर छोड़ देगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।

एक दूसरे जांच अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "जांच में हमने पाया कि उसने नवजात बच्चियों को लेकर कम से कम तीन से चार घंटे तक कार का एसी चालू करके गाड़ी चलाई। उसने देर रात बच्चों को कार से बाहर निकाला और उन्हें अपने घर के एक कमरे में रख दिया और उन्हें कुछ खाने को भी नहीं दिया। हमें लगता है कि वे भूख से मर गईं, लेकिन विसरा रिपोर्ट का इंतजार है..."

बच्चिचों को मारने के लिए कई तरीके अपनाए

पूजा और उसके भाई जुगनू ने सोलंकी और उसके परिवार को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने 3 जून को पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने कहा कि सोलंकी ने बच्चियों को मारने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए, जिसमें उन्हें डुबोना और गला घोंटना भी शामिल था, उसने यह भी कहा कि वह एक खेत और नाले की ओर भी गया, लेकिन घबराकर घर लौट आया।

दूसरे अधिकारी ने कहा, "सोलंकी ने अपने पिता विजेंद्र के साथ मिलकर बच्चियों को श्मशान घाट में दफना दिया। सोलंकी की बहन मोनिका भी उसके और बच्चों के साथ देखी गई। नजफगढ़ की रहने वाली मोनिका फरार है।" जांच अधिकारियों ने 23 जून को विजेंद्र को गिरफ्तार किया। पुलिस ने कहा कि सोलंकी के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा दो बहनें और एक भाई है। हालांकि, परिवार के अन्य सदस्यों की भूमिका अभी भी स्पष्ट नहीं है। पुलिस ने कहा कि आरोपी को पकड़ने के लिए कई जगह छापे मारे गए।

पुलिस से बचने को रिश्तेदार का फोन इस्तेमाल कर रहा था नीरज

एक अन्य अधिकारी ने कहा, "सोलंकी अपने एक रिश्तेदार का फोन इस्तेमाल कर रहा था और उसकी लोकेशन आजादपुर के आसपास देखी गई। हम वहां गए और पाया कि वह एक मोटल में छिपा हुआ था, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने चेकआउट कर लिया था।"

पुलिस ने बताया कि एसीपी उमेश बर्थवाल और इंस्पेक्टर योगेश और विनोद यादव की अगुवाई वाली टीम ने पाया कि सोलंकी एक स्कूटर का इस्तेमाल कर रहा था, जिसे बवाना इलाके में देखा गया था। सीसीटीवी मैपिंग के जरिये उसकी लोकेशन का पता लगाया गया। अधिकारी ने कहा कि फिर उसे झड़ौदा कलां में देखा गया और वह रोहतक की ओर चला गया। हमने उसे सांपला में एक गेस्ट हाउस के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। उसने हमें बताया कि वह अपनी पत्नी से फिर से संपर्क करने और चीजों को ठीक करने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, हमें शक है कि वह अपने पिता की गिरफ्तारी के बारे में जानता था और उसे धमकाने के लिए वहां जा रहा था।

पूछताछ के बाद सोलंकी और विजेंद्र को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन पर हत्या, दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 304, 315, 201 के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोलंकी बेरोजगार था और अपनी किराये की संपत्तियों से कमाई कर रहा था।