मैंने राज्यपाल पुरोहित को इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया, मैं तो उनके पांव छूता था

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पुरोहित का इस्तीफा मंजूर होने के बाद भगवंत मान रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि क्या मैं गवर्नर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकता हूं?

राजस्‍थान सरकार के पूर्व गृहमंत्री और भाजपा नेता गुलाब चंद कटारिया को पंजाब का राज्‍यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बनवारी लाल पुरोहित का पंजाब के राज्यपाल के तौर पर इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब उनकी जगह गुलाब चंद कटारिया लेंगे। वहीं, दो दिन पहले पंजाब राज भवन में अपनी अंतिम प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस साल के शुरू में इस्तीफे की पेशकश के पीछे मुख्य मंत्री भगवंत मान को बताने के उनके बयान पर आज सीएम ने टिपणी की है। चण्डीगढ़ में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य मंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने कभी भी राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को इस्तीफा देने के लिए मजबूर नहीं किया। मैं तो उनका सम्मान करता था और उनके पाँव छूता था। 

'वह मेरी आधी सरकार लेकर वह चले जाते थे, उनसे निजी तल्खी नहीं'
पुरोहित का इस्तीफा मंजूर होने के बाद भगवंत मान रविवार को चंडीगढ़ में मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि क्या मैं गवर्नर को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर सकता हूं? मैं उनका सत्कार करता हूं। मैं जब भी उनसे मिलता था कि उनके पांव छूता था। मगर, पेरलल सरकार चलाने से लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होता है। भगवंत मान ने कहा कि मैं जालंधर गया तो मेरे डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी साथ नहीं थे। तब पता चला कि वह गवर्नर के साथ बार्डर पर गए हैं। मेरी आधी सरकार लेकर वह चले जाते थे। मेरी उनसे निजी तल्खी नहीं है।

'नए गवर्नर का स्वागत, हम मिल के काम करेंगे'
नए गवर्नर गुलाब चंद कटारिया की नियुक्ति पर भगवंत मान ने कहा कि मेरी गुलाब चंद कटारिया से सुबह बात हुई है। आंखें बिछा कर आपका स्वागत करेगे, हम मिल के काम करेंगे। 31 जुलाई को शपथ लेंगे। भविष्य में मिल कर काम करेंगे। बड़े फैसले वीसी लगाना और कई काम गवर्नर रेकमेंड करते हैं। वे अपने अधिकारों में रह कर काम करेंगे, हम अपने काम करेंगे।

आम आदमी पार्टी सरकार के साथ टकराव भरा रहा कार्यकाल
बनवारी लाल पुरोहित साल 2021 में पंजाब के 36वं राज्यपाल बने थे। अपने पूरे कार्य काल के दौरान दोनों के बीच तनातनी का माहौल बना रहा था। पंजाब में उनका कार्यकाल आम आदमी पार्टी सरकार के साथ लगातार टकराव भरा रहा। सीएम भगवंत मान ने कहा था कि राज्यपाल हमें तंग कर रहे हैं। लोकतंत्र में इलेक्टेड राज चलता है लेकिन कुछ लोगों को सिलेक्टेड राज की आदत पड़ गई है। कई मामलों में दोनों के बीच इतने मतभेद हुए कि पंजाब के सीएम सुप्रीम कोर्ट तक चले गए थे। पत्रों का जवाब न देने पर उन्होंने पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे दी थी। 83 वर्षीय बनवारीलाल पुरोहित ने फरवरी में निजी कारणों का हवाला देते हुए भारत के राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पुरोहित ने अपने पत्र में लिखा था कि व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा सौंपता हूं। कृपया इसे स्वीकार करें। लेकिन तब उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। 

पुरोहित ने कहा था, सीएम मुझे नहीं चाहते थे इसलिए दिया था इस्तीफा
दो दिन पहले पंजाब राज भवन में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बनवारी लाल पुरोहित ने अपने इस्तीफे की पेशकश पर खुलासा करते हुए कहा था कि शायद मुझे लगा होगा सीएम मुझे नहीं चाहते। इसलिए दिया होगा इस्तीफा। उन्होंने कहा था कि मैंने तो इस्तीफा दे दिया था। मंजूर नहीं हुआ तो मैं क्या करूं। हाल ही के अपने सीमावर्ती जिलों के दौरे पर मुख्यमंत्री भगवंत मान के जताए ऐतराज के बाद उन्होंने यह बात कही थी। पुरोहित ने कहा था कि उनके दौरों को लेकर मुख्यमंत्री को ऐतराज नहीं करना चाहिए। मैं कोई चुनाव प्रचार नहीं कर रहा और न ही मुझे चुनाव लड़ना है। राज्यपाल ने कहा कि वह राज्य सरकार के काम को भी बाधित नहीं करते। उन्होंने स्पष्ट किया था कि वह पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के राज्यपाल हैं और संविधानिक प्रमुख होने के नाते वह अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हट सकते।