नागालैंड की महिलाओं ने रचा इतिहास, 20 साल बाद हुए निकाय चुनाव में लहराया परचम

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नागालैंड में शहरी निकाय चुनाव में महिलाओं ने अपना झंडा गाड़ दिया है। 278 सीटों पर हुए चुनाव में महिलाओं ने 102 पर कब्जा किया है। आठ सामान्य सीटों पर भी महिलाओँ ने जीत हासिल की है।

नागालैंड ने दो दशक बाद हुए शहरी स्थानीय निकाय के चुनाव में महिलाओं ने इतिहास रच दिया है। यहां कुल 278 सीटों में से 102 पर महिलाओं ने जीत दर्ज की है। आठ महिलाओं ने सामान्य सीट पर जीत दर्ज की है। 26 जून को यहां चुनाव करवाए गए थे। 2004 के बाद पहली बार यहां स्थानीय निकाय के चुनाव हुए जिनमें 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थीं। 

राज्य के चुनाव आयुक्त टी जॉन लोंगकुमार ने कहा कि यह चुनाव नगा महिलाओं का था। नगालैंड में महिलाओं के आरक्षण के लिए संघर्ष करने वाली ऐक्टिविस्ट रोजमेरी जुविचु ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस चुनाव के लिए बड़ा वरदान बन गया। राज्य में 24 नगर निकायों, तीन नगर पालिका परिषद और 21 नगर  परिषदों में चुनाव करवाया गया था। 2.23 लाख वोटर में से 81 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक इस चुनाव में निर्वाचित सबसे युवा और सबसे ज्यादा उम्र वाली प्रत्याशी भी महिला ही हैं। सबसे युवा प्रत्याशी 22 साल की नजानरहोनी आई मोझुई हैं जो कि भंडारी नगर परिषद से बीजेपी की उम्मीदवार थीं। इस चुनाव में 238 महिलाओं ने नामांकन फाइल किया था। वहीं इस चुनाव में पूर्वी नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ)  ने हिस्सा नहीं लिया था। 

छह जिलों में फैली सात नागा जनजातियों की शीर्ष संस्था ईएनपीओ ने 16 मई को स्थानीय निकाय चुनावों में भाग न लेने की घोषणा की थी और फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र (एफएनटी) की अपनी मांग दोहराई थी। यह पार्टी 2010 से पृथक राज्य की मांग कर रही है तथा उसका दावा है कि नगालैंड के पूर्वी भाग के छह जिलों की वर्षों से उपेक्षा की गई है। इन चुनावों में सत्ताधारी एनडीपीपी को सबसे ज्यादा 153 सीटों पर जीत हासिल हुई। वहीं 56 निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली। बीजेपी को 25 और अन्य पार्टियो के 44 प्रत्याशियों की सफलता मिली।