नोटों की अदला बदली का यह सिलसिला इस समय चर्चाओं में है। नेपाल के कंचनपुर का जिला व्यापार की दृष्टि से भारत पर काफी हद तक निर्भर है। जबकि भारत का बनबसा बाजार नेपाल के ग्राहकों पर 90 फीसदी निर्भर है।नेपाल में भारतीय मुद्रा के बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद नेपाली नागरिक मुसीबत में पड़ गए हैं। नेपाली अब इंडियन करेंसी के बड़े नोटों को भारतीय बाजार में अपनी मुद्रा में बदली कर रहे हैं। भारतीय बाजार के व्यापारी रिजर्व बैंक के नियमों के तहत मुद्रा को एक्सचेंज कर रहे हैं।
नोटों की अदला बदली का यह सिलसिला इस समय चर्चाओं में है। नेपाल के कंचनपुर का जिला व्यापार की दृष्टि से भारत पर काफी हद तक निर्भर है। जबकि भारत का बनबसा बाजार नेपाल के ग्राहकों पर 90 फीसदी निर्भर है।
लेकिन सालभर पहले नेपाल में भारतीय 500 और 2 हजार के नोटों पर प्रतिबंध करने के फैसले ने उनके ही नागरिक की चिंताएं बढ़ा दी हैं। रोजगार के लिए भारत आने वाले नागरिकों को इंडियन करेंसी के बड़े नोटों में ही दिहाड़ी या मजदूरी दी जाती है।
लेकिन इन बड़े नोटों को अपनी मुद्रा में एक्सचेंज करने के लिए नेपाल के नागरिक भारतीय बाजार पहुंच रहे हैं। व्यापार संघ के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह गांधी बताते हैं कि नेपाल में इंडियन करेंसी के बड़े नोट कोई व्यापारी नहीं ले रहे। इस कारण इसे बदलने के लिए वहां के 50 से अधिक नागरिक रोजाना बनबसा बाजार तक आते हैं। भारत के 100 रुपये नेपाल के 160 रुपये के बराबर हैं।
नेपाल सरकार ने कुछ समय पहले भारत के बड़े नोटों को यहां बैन कर दिया है। लोग मुद्रा विनिमय करवा ले रहे हैं।
माधव जोशी, पूर्व उपाध्यक्ष, उद्योग वाणिज्य संघ, नेपाल।
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