पूर्व पीएम चंद्रशेखर के किस्से मशहूर हैं। चुनाव में विरोधियों का ख्याल रखते थे। उनके खिलाफ जनेश्वर मिश्र चुनाव लड़े। चंद्रशेखर ने जनेश्वर से कहा, गाड़ी कम हो तो भेजूं, रात में किसी को पैदल मत भेजिए।
वर्ष 1977 से 2004 तक हुए कुल नौ चुनावों में से आठ बार उस शख्स ने बलिया संसदीय सीट पर जीत दर्ज की। कभी जीत बेहद आसानी से मिली तो कभी कड़ा संघर्ष भी हुआ लेकिन किसी भी चुनाव में खुद के लिए कभी वोट की अपील नहीं की। हम बात कर रहे हैं देश के पूर्व प्रधानमंत्री ‘युवा तुर्क’ चंद्रशेखर की। भीड़ को संबोधित करने का उनका अंदाज भी बेहद खास और अलग था। गाड़ी से उतरने के बाद पैदल चलते वक्त ‘डेग’ इतना लम्बा-लम्बा रखते कि साथ चलने वालों को दौड़ लगानी पड़ती।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पहली बार 1977 में बलिया से सांसद चुने गए। उसके बाद उन्होंने बलिया और बलिया ने उन्हें अपना बना लिया। उनके कुछ चुनावों के साक्षी रहे वरिष्ठ पत्रकार और टाउन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अखिलेश सिन्हा कहते हैं, चंद्रशेखर जी की एक खासियत यह थी कि उन्होंने कभी खुद के लिए लोगों से वोट की अपील नहीं की। उनके भाषणों में देश के हालात की ही बात होती थी।
स्थानीय मुद्दों और समस्याओं पर भी वे कम ही बोलते थे। यही नहीं, उनके भाषण में विपक्षी दल या प्रत्याशी का जिक्र भी न के बराबर ही होता था। पूर्व प्रधानमंत्री के तमाम चुनावों में उनके साथ मजबूती से साथ रहे एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बताते हैं, चंद्रशेखर जी अपनी करीब-करीब हर सभाओं में संबोधन की शुरुआत ‘अध्यक्ष जी, बुजुर्गों और दोस्तों’ से करते थे। प्रचार के लिए क्षेत्र में निकलने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लेते थे कि दिन में साथ चल रहे कार्यकर्ताओं और समर्थकों का खाना कहां और कब होगा।
कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष को बाथरूम में बंद कर दिया था, बस्ती से PM मोदी का बड़ा हमला
समय खत्म होने पर नहीं दिया था भाषण
चंद्रशेखर के चुनाव प्रचार का अंदाज निराला था। समाजवादी नेता कहते हैं,
भरौली में एक चुनावी सभा थी। चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था और पांच बजे शाम
को समय खत्म हो गया। चंद्रशेखर पांच
बजने के दो से पांच मिनट बाद सभा में पहुंचे। हालांकि तबतक आचार संहिता के
अनुपालन में माइक बंद करा दिया गया था। सबकी इच्छा थी कि चंद्रशेखर बिना
माइक के ही संबोधन कर दें। लेकिन उन्होंने नियम का कड़ाई से अनुपालन किया
और बिना संबोधन के ही वापस लौट गए।
...जब विपक्षी नेता से पूछा ‘गाड़ी है कि भेज दें’
समाजवादी नेता पांडे गोविंद चंद्रशेखर के चुनावी संस्मरण का जिक्र करते हुए
कहते हैं, तब चंद्रशेखर के खिलाफ जनेश्वर मिश्र चुनाव लड़ रहे थे। मैं
उनके चुनाव प्रचार की संचालन समिति में था। करीब-करीब मध्य रात्रि को चुनाव
कार्यालय से घर जा रहा था। तभी सामने से चंद्रशेखर की गाड़ी आ रही थी। हम
पर नजर पड़ी तो उन्होंने गाड़ी रोकवा दी और पूछे, इतनी रात में इस तरह पैदल
घर न जाया करें। यही नहीं, अगली सुबह चंद्रशेखर ने जनेश्वर को संदेश भी
दिया कि गाड़ी कम हो तो कहिए भेज दूं लेकिन रात में किसी साथी को पैदल मत
भेजिए।
AD 02
AD 01
Subscribe Us
Most viewed
बीजेपी सरकार में गिरौदपुरी धाम अंतर्गत स्थित जैतखाम भी सुरक्षित नहीं :विधायक संदीप साहू
बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे ने विधानसभा में श्रमिकों के पंजीयन को लेकर उठाए सवाल, मंत्री ने दिया विस्तृत जवाब
पवन साहू ने जीता ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव,क्षेत्र के लोगों में हर्ष.... अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नवीन मिश्रा को 12 हजार से भी अधिक मतों से हराया.....
Weather
विज्ञापन 4
Follow us