डील पक्की करने में उनकी अहम भूमिका, लवली को लेकर AAP ने कर दिया बड़ा दावा

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अरविंदर सिंह लवली ने अपने 4 पन्नों के इस्तीफे वाले पत्र में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई इस गठबंधन के खिलाफ थी।

अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे से दिल्ली कांग्रेस में घमासान मच गया है। कई नेता लवली के खिलाफ तो कई समर्थन में उतरते नजर आ रहे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर लवली की आपत्ति को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी का गठबंधन कराने में लवली ने अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी से समझौता कराने में लवली जी ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब वो किस कारण से ऐसा कह रहे हैं, मैं नहीं जानता। संजय सिंह ने यह भी कहा कि जब अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए तो कांग्रेस में से लवली ही वो शख्स थे जो सबसे पहले वहां पहुंचे। लेकिन अब वो ऐसा क्यों कह रहे हैं यह पार्टी को ही पता करने दीजिए।

लवली ने मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपे अपने 4 पन्नों के इस्तीफे वाले पत्र में दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने गठबंधन को स्वीकृति दे दी। लवली ने यह भी कहा कि वह अपने आप को ‘‘लाचार’’ महसूस कर रहे थे क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया रोक लगा देते थे।

लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ विवाद के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे लवली को पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था।

लवली ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई ‘आप’ के साथ गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन फिर भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि पूरी इकाई आलाकमान के आदेश का पालन करें। उन्होंने कहा कि पार्टी के हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए कि अन्य वरिष्ठ नेताओं को टिकट मिल सकें, लोकसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवार के तौर पर अपना नाम तक वापस ले लिया।

उन्होंने ये भी कहा कि, ‘‘दिल्ली कांग्रेस इकाई ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर बनी...पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री अभी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।’’