नक्सलियों के बीजापुर बंद का दिखा असर, भाजपा सरकार पर माओवादियों ने लगाए गंभीर आरोप

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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों का उत्पाद जारी है। बीजापुर में नक्सलियों ने 30 मार्च को शहर बंद का आवाहन किया था, जिसका असर आज शहर में देखने को मिला। वहीं जिले में मुख्यालय से लेकर भैरमगढ़,भोपालपट्टनम, आवापल्ली तक सभी दुकान बंद दिखी है। सड़कों में वाहनों का भी आना-जाना कम दिखा है। दरअसल, नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर 30 मार्च को बीजापुर बंद करने का ऐलान किया था और पर्चे में बात नहीं मानी तो इसका परिणाम भी भुगतने की भी बात कहीं गई थी। 

बता दें कि नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर ग्रामीणों को मारने का आरोप लगाया है। उन्होंने ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के 3 महीने के कार्यकाल में पुलिस ने बीजापुर में 15 बेकसूर आदिवासियों को मारा है। आदिवासियों के खिलाफ नरसंहार जारी है। नक्सलियों के पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव ने प्रेस नोट जारी किया था , जिसमें साफ़ शब्दों में कहा गया था कि 30 मार्च को बीजापुर बंद रहेगा।पर्चे में धमकी भी दी गई थी की अगर बीजापुर में दुकानें खुली, गाड़ियां चलीं तो इसके जिम्मेदार वे लोग खुद होंगे। 

वहीं बीजापुर बंद में परीक्षा देने वाले बच्चों, हॉस्पिटल और एंबुलेंस को छूट दी गई थी। नक्सलियों ने जिले के व्यापारियों और ट्रांसपोर्टर्स को भी धमकी दी थी की उनका व्यापर पूरी तरह से बंद होना चाहिए। बता दें कि नक्सलियों के इस धमकी के बाद बीजापुर में पुलिस जवान अलर्ट मोड पर हैं। उन्होंने ने बीजापुर में भारी सुरक्षा का इंतजाम किया था। वहीं शहर में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। बसों और वाहनों के पहिये भी थमे हुए दिखे। हालांकि जगदलपुर से गीदम तक वाहनें चल रही थी। 

नक्सलियों ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप 

बीजापुर में नक्सलियों ने भाजपा सरकार पर बेकसूर आदिवासियों को मारने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की जनवरी से लेकर अब तक तीन महीने में 15 बेकसूर आदिवासियों ने अपने जान गवा दी है। और पुलिस ने ग्रामीणों को नक्सली बता दिया है। इस वजह से बीजापुर बंद का आवाहन किया गया है। बता दें कि भाजपा सरकार आने के बाद नक्सल विरोधी अभियान ने जोर पकड़ी है। जवानों ने अब तक कई  नक्सलियों को ढेर करने में सफलता हासिल की है और लगातार नक्सल क्षेत्र में पुलिस कैंप लगाया जा रहा है। इस वजह से अब नक्सलियों की बौखलाहट सामने आ रही है।