बौद्धिक संपदा का ज्ञान सभी के लिए है जरूरी : डॉ. मोना पुरोहित

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बालोद। शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बालोद में विधि विभाग द्वारा एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम आभाषी मोड में दिनांक 19 फरवरी 2024 से प्रारंभ हुआ। दिनांक 23 फरवरी 2024 को कार्यक्रम का पांचवा दिन था, जिसमें मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ. मोना पुरोहित (संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष विधि विभाग बरकतउल्ला विश्व विद्यालय) थी। उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार के उभरते आयाम विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया। प्रो. डा. मोना पुरोहित ने अपने व्याख्यान में कहा कि, बौद्धिक संपदा वर्तमान समय का बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, उन्होंने बौद्धिक संपदा अधिकार को बहुत ही आसान एवं सरल शब्दों में समझाते हुए इसके उभरते बिंदुओं को विस्तार से बताया। उन्होंने कॉपीराइट एक्ट, पेटेंट एक्ट, ट्रेडमार्क एक्ट, ज्योग्राफीकल इंडिकेशन एक्ट पर भी विस्तार से अपने वक्तव्य रखें। उन्होंने शोधार्थियों और प्रतिभागियों से आह्वान किया कि, बौद्धिक संपदा का ज्ञान शोध की प्रासंगिकता को गति देता है। अतः बौद्धिक संपदा का ज्ञान सभी शोधार्थियों के लिए बेहद आवश्यक है। डॉ. पुरोहित द्वारा सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राघवेश पांडेय ने अपने गुरु का स्वागत करते हुए कहा कि, बौद्धिक संपदा अधिकार का ज्ञान सभी के लिए बेहद जरूरी है। साथ ही इस व्याख्यान का लाभ निश्चित ही सभी को मिलेगा। मुख्य वक्ता का स्वागत विधि विभाग की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती स्वाति वैष्णव ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. जेके पटेल ने किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य प्रो. सीडी मानिकपुरी, अतिथि प्राध्यापक पूनम चंद्र गुप्ता एवं सुब्रत मंडल उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री पूजा ठाकुर द्वारा बहुत ही आदर्श रूप में किया गया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने ऑन-लाइन व्याख्यान का लाभ उठाया।