विकसित भारत संकल्प यात्रा से 25 परिवार हुए धुंए के अभिश्राप से मुक्त

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कोण्डागांव, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से महिलाएं हुई खुशहाल

 विकसित भारत संकल्प यात्रा के साथ खुशहाली भी चलकर गांव गांव तक पहुंच रही है। जहां लोगों को विभिन्न योजनाओं का लाभ अपने ही गांव में प्राप्त हो रहा है। वहीं लोगों को अपनी समस्याओं का निदान भी गांव में आये अधिकारियों द्वारा प्राप्त हो रहा है। इसी प्रकार जब विकसित भारत संकल्प यात्रा उमरगांव ’ब‘ पहुंची तब यहां के 25 परिवारों द्वारा पारम्परिक ईंधन जैसे लकड़ी, कोयले आदि से भोजन बनाने के संबंध में अधिकारियों को बताया। जिस पर अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत बीपीएल परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन देने के संबंध जानकारी देते हुए सभी आवेदन करने हेतु कहा। विकसित भारत संकल्प यात्रा के शिविर में सभी 25 हितग्राहियों को पीएम उज्जवला योजना अंतर्गत निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किया गया। जिससे परिवारों की खुशी का ठीकाना न था। उन्हें कनेक्शन के साथ गैस चुल्हा, भरी हुई गैस टंकी, रेगुलेटर एवं पाईप निःशुल्क प्राप्त हुए।
जसमती अब समय पर बना सकेंगी भोजन
इस संबंध में ग्राम निवासी जसमती बताती है कि पूर्व में उन्हें लकड़ी मिलना बहुत मुश्किल होता था। लकड़ी होने पर भी सुबह से खाना बनाना प्रारंभ करने पर भी समय पर खाना नहीं बन पता था। जिससे पति के काम में जाने के पूर्व कई बार खाना नहीं बन पता था और अन्य कामों के लिए भी समय नहीं बचता था। अब गैस कनेक्शन मिल जाने से खाना समय पर बनता है। पति को रोज काम में जाने से पहले ही भोजन और टिफिन मिल जाता है। मैं भी बच्चों के साथ समय बिता पाती हूं। इसके साथ ही घरेलू एवं अन्य कार्य कर पाती हूं।
घर में धुंए से किसन बाई को मिली राहत
इस संबंध में उमरगांव ब की किसन बाई वैष्णव बताती हैं कि पहले लकड़ी की बड़ी समस्या थी। जो थोड़ी बहुत लकड़ी मिल जाती तो भी खाना बनाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। पूरा घर खाना बनाते हुए धुंए से भर जाता था। पूरे घर को बार बार साफ करने के साथ दिवारों के काला होने के कारण पोताई भी करनी पड़ती थी। बर्तनों की काले हो जाने पर साफ करने में बहुत दिक्कत होती थी। गैस मिल जाने से अब लकड़ी और धुंए से मुक्ति मिलने के साथ बार बार सफाई के झंझट से भी मुक्ति मिल गयी है।
धुंए से आंखों की परेशानी से अब जाकर मिली राहत
उमरगांव ब की अनुपा नेताम ने बताया कि पहले हम जंगलों से लकड़ियां बीनकर लाया करते थे। जिसमें बहुत सा समय चला जाता था और धुंए से हमेशा सांस संबंधित समस्या बनी रहती थी। मेरी आंखों में भी जलन होने लगी थी जांच पर डॉक्टर ने बताया कि ज्यादा धुंए से आंखों में परेशानी हो गयी है। अब मुझे डॉक्टरों द्वारा चश्मा लगाने हेतु प्रदान किया गया है। अब गैस कनेक्शन मिल जाने से हमें धुंए से भी राहत मिल रही है।