तब एक्स-रे नहीं कराया, अब MRI का वक्त; राहुल पर वार से अखिलेश ने और बढ़ाई INDIA की खाई

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अखिलेश यादव ने जाति जनगणना पर कांग्रेस के बदले रवैये पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि वोट खत्म होने के डर से कांग्रेस बदल गई है। इसके अलावा राहुल गांधी पर भी सपा नेता ने तंज कसा है।

 तब एक्स-रे नहीं कराया, अब MRI का वक्त; राहुल पर वार से अखिलेश ने और बढ़ाई INDIA की खाई 

भाजपा से मुकाबले के लिए बने INDIA महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अब तक कोई पहल नहीं दिखी है, लेकिन नेताओं के बयानों से दूरी जरूर बढ़ती जा रही है। ताजा मामला जाति जनगणना का ही है। बिहार में जाति जनगणना हो गई है और उसकी रिपोर्ट भी आ गई है। इसका श्रेय नीतीश कुमार और लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने मोटे तौर पर लिया है। इससे कांग्रेस में भी बेचैनी देखी जा रही है और उसने अपनी सत्ता वाले कर्नाटक, हिमाचल, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी इसकी पहल की बात कही है। इसके अलावा वह देशव्यापी जाति जनगणना की मांग कर रही है। ऐसे में कांग्रेस आगे बढ़कर क्रेडिट न ले जाए, इसे लेकर सपा भी चिंतित और सतर्क दिख रही है। 

शायद यही वजह है कि राहुल गांधी ने जब जाति जनगणना को समाज का एक्स-रे बताते हुए जरूरी करार दिया तो अखिलेश यादव ने बात MRI तक पहुंचा दी। इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकारों पर भी सवाल उठा दिए। इससे INDIA गठबंधन की खाई बढ़ती दिख रही है। मध्य प्रदेश के सतना में चुनाव प्रचार में गए अखिलेश यादव से जब राहुल गांधी के एक्स-रे वाली बात पर सवाल पूछा गया तो उन्हें पूर्व की यूपीए सरकारों को ही निशाने पर ले लिया। वह जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस के बदले रुख पर भी हैरान दिखे और कहा कि इसकी वजह तो वोटबैंक छिटकना है।

अखिलेश यादव ने कहा, 'जिस समय एक्सरे होना था, वह एक्सरे का टाइम था। आज सीटी स्कैन है, एमआरआई स्कैन है। यदि उसी समय एक्सरे हो गया होता तो इतनी बड़ी खाई नहीं होती। 5 फीसदी लोगों पर देश की 60 पर्सेंट दौलत चली गई। यह कैसे हो गया और किसने किया? यह पुरानी सरकारों की गलत नीतियों के कारण हुआ। आज एमआरआई की जरूरत है और मुझे उम्मीद है कि जब कभी समाजवादियों को मौका मिलेगा, सबसे पहले जाति जनगणना कराई जाएगी। कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने आजादी के जाति गणना नहीं कराई।'

मुलायम की याद दिलाकर UPA सरकारों पर भी निशाना

उन्होंने पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा कि संसद में जब मुलायम सिंह यादव, लालू यादव, शरद यादव जैसे नेता इसकी मांग कर रहे थे तो कांग्रेस ने गणना नहीं कराई। अब जब उन्हें लग रहा है कि उनका परंपरागत वोट खत्म हो रहा है तो वह इसकी मांग कर रहे हैं। यही नहीं अखिलेश यादव ने साफ कहा कि इंडिया गठबंधन के बारे में आगे देखा जाएगा। उनके रवैये से साफ था कि वह कांग्रेस से समझौते में दबना नहीं चाहते। इसके अलावा ओबीसी वोटबैंक पर कांग्रेस की दावेदारी से भी वह सहज नहीं हैं। ऐसे में पहले ही जाति जनगणना की मांग करते हुए उसका क्रेडिट लेने की कोशिश में भी आगे दिखना चाहते हैं।