नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई सिफारिशों के अनुसार ऑनर्स के साथ चार साल का स्नातक कार्यक्रम

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स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों पर यूजीसी मानदंडों के मसौदे के अनुसार चार साल की स्नातक डिग्री वाले छात्रों को एक साल की मास्टर डिग्री हासिल करने की अनुमति दी जा सकती है। सभी पीजी छात्र विषयों को बदलने या ऑफलाइन, दूरस्थ, ऑनलाइन और हाइब्रिड सहित सीखने के वैकल्पिक तरीकों पर स्विच करने में सक्षम होंगे। यूजीसी ने पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक मसौदा पाठ्यक्रम और क्रेडिट ढांचा तैयार किया है, जिसे जल्द डोमेन में रखा जाएगा। तीन साल के यूजी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को दो साल की पीजी की पढ़ाई पूरी करनी होगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में की गई सिफारिशों के अनुसार ऑनर्स के साथ चार साल का स्नातक कार्यक्रम और शोध के साथ ऑनर्स पूरा करने वाले छात्रों के लिए एक साल का मास्टर कार्यक्रम हो सकता है।

यूजीसी ने पहले ही चार साल के यूजी कार्यक्रमों के लिए फ्रेमवर्क जारी कर दिया है जिसे इस साल देश भर के 100 से अधिक विश्वविद्यालयों ने अपनाया है।

यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने ड्राफ्ट में प्रमुख प्रस्तावों में से एक को समझाते हुए एचटी को बताया, “मान लीजिए कि एक छात्र चार साल के यूजी कोर्स में फिजिक्स को मुख्य तौर पर और अर्थशास्त्र को छोटे विषयों के तौर पर पढ़ रहा है। नए मानदंडों के तहत, यह छात्र फिजिक्स या अर्थशास्त्र में पीजी कार्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होगा। छात्र उन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे जो स्नातक के दौरान उनके प्रमुख और छोटे विषयों से संबंधित नहीं हैं। उन्हें सीयूईटी-पीजी जैसी प्रवेश परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना होगा।”

मसौदा दस्तावेज़ के अनुसार, तीन प्रकार के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों की पेशकश की जाएगी - एक दो साल का कार्यक्रम जिसमें दूसरा वर्ष पूरी तरह से उन लोगों के लिए शोध के लिए समर्पित होगा जिन्होंने तीन साल का यूजी कार्यक्रम पूरा कर लिया है। उन लोगों के लिए एक साल का कार्यक्रम, जिन्होंने चार साल का यूजी कोर्स पूरा कर लिया है, और एक इंटीग्रेटेड पांच साल का स्नातक/मास्टर कार्यक्रम।

प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि 2024 से दो साल के साथ-साथ एक साल का भी मास्टर कोर्स होगा। इसके अलावा पांच साल का इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी कोर्स भी होगा। कई विवि में चार साल का कोर्स शुरू हो चुका है। अभी जो छात्र तीन साल के स्नातक कर रहे हैं, वे दो साल का पीजी कोर्स में नामांकन लेंगे। दो साल के पीजी कोर्स में दाखिला लेने वाले अगर एक साल के बाद बाहर होना चाहते हैं तो उन्हें पीजी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

विवि को एआई समेत कई कोर्स कराने की आजादी
विवि के पास मशीन लर्निंग, एआई, हेल्थ केयर, कृषि समेत अन्य कोर्स शुरू करने की आजादी होगी। छात्र-छात्राएं स्नातक के दौरान मेजर या माइनर जो भी विषय पढ़ें होंगे, उनमें से किसी भी स्ट्रीम में पीजी कोर्स में नामांकन लेने की आजादी होगी। इसके अलावा जो विषय स्नातक में नहीं भी पढ़े हैं, उनमें भी नामांकन ले सकते हैं। नामांकन के लिए छात्रों को सीयूईटी पीजी 2024 पास करना होगा। नये तैयार किये गये फ्रेमवर्क में छात्रों को ऑफलाइन, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में शिक्षा का विकल्प भी रहेगा। एक साल के पीजी कोर्स में छात्र कोर्स वर्क या रिसर्च या दोनों को चुन सकते हैं।

इस तरह से तैयार किया ग्रेड प्वाइंट
ग्रेड ग्रेड प्वाइंट
आउटस्टैंडिंग के लिए 10
ए प्लस के लिए 9
ए के लिए 8
बी के लिए 7
औसत से ज्यादा के लिए 6
औसत के लिए 5
पास के लिए 4