मराठा कोटे के लिए हाईवे भी रोका, 15 किलोमीटर तक जाम; हिंसक हुआ आंदोलन

Views


मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के लिए प्रदर्शनकारियों ने पुणे में नवले पुल के पास मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर टायर जलाए, जिससे दो घंटे तक यातायात बाधित रहा।

मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के लिए प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र के अलग-अलग जगहों पर चक्का जाम और प्रदर्शन किया। मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पुणे में नवले पुल के पास मुंबई-बेंगलुरु राजमार्ग पर टायर जलाए, जिससे दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। प्रदर्शन स्थल और कटराज, चांदनी चौक जैसे आसपास के इलाकों में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। दोपहर करीब 2:30 बजे तक पुलिस प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने में कामयाब रही और राजमार्ग को यातायात के लिए खोल दिया।

पुलिस उपायुक्त विजय मागर ने कहा, "दोनों तरफ कम से कम 15 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें थीं। हालांकि हमने प्रदर्शनकारियों से रास्ता खाली करने की अपील की और अब वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू हो गई है।"

 वहीं महाराष्ट्र के जालना जिले में लोगों की भीड़ ने एक पंचायत समिति कार्यालय में आग लगा दी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरक्षण समर्थक कुछ लोग ''एक मराठा, लाख मराठा'' के नारे लगाते हुए जिले में घनसावंगी में सोमवार रात को पंचायत समिति कार्यालय पहुंचे और परिसर में तोड़फोड़ की तथा आग लगा दी।

घनसावंगी थाने से एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस घटनास्थल पहुंची और आग को बुझाया लेकिन कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और दो कमरों के कार्यालय का फर्नीचर जल गया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि जालना में एक अन्य घटना में मराठा समुदाय के कुछ युवकों ने बदनापुर तहसील के शेलगांव गांव में सोमवार दोपहर को रेलवे फाटक पर ट्रेनों को रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारी ट्रेन सेवा बाधित करने के प्रयास के तहत रेल पटरियों पर बैठ गए।

      रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मी एवं रेलवे के अन्य अधिकारी घटनास्थल पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें ट्रेन सेवा रोकने के कानूनी परिणामों के बारे में बताया। आरपीएफ उप-निरीक्षक संदीप कुमार ने कहा, ''बातचीत के बाद प्रदर्शनकारी मौके से चले गए।''

      मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में आरक्षण की मांग के समर्थन में अपना अनिश्चितकालीन अनशन जारी रखे हुए हैं। सोमवार को जरांगे ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा और आगजनी में शामिल होने से परहेज करने का आग्रह किया था। मराठा समुदाय के सदस्य अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।