कारगिल विजय के 24 साल:अमेरिका ने डील के बावजूद बम नहीं दिए; IAF ने कैसे लगाया देसी जुगाड़

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17 हजार फीट की ऊंचाई पर दुश्मन डेरा जमाए बैठे थे। इंडियन आर्मी ऊपर चढ़ने की कोशिश करती तो वो आसानी से निशाना लगा लेते थे। ऐसे में इंडियन एयरफोर्स ने एक मिशन प्लान किया- ऑपरेशन सफेद सागर।

फ्रांस से खरीदे मिराज 2000 एयरक्राफ्ट पर इजराइल में मंगवाए टार्गेटिंग पॉड्स लगाए गए। इनमें 1 हजार पाउंड के देसी बम लगाकर टाइगर हिल पर निशाना साधा गया। इस जुगाड़ ने घुसपैठियों के बंकरों को तहस-नहस कर दिया। इससे जवानों को चोटियों पर कब्जा करने में मदद मिली। करगिल विजय की कहानी ऐसे रोमांचक किस्सों से भरी पड़ी है।

3 मई 1999 को घुसपैठ की पहली सूचना मिली और 26 जुलाई को इंडियन आर्मी ने औपचारिक रूप से युद्ध खत्म होने की घोषणा की। तभी से इस दिन को 'कारगिल विजय दिवस' के रूप में मनाया जाता है। दो महीने से ज्यादा चली इस जंग में भारत के 527 सैनिक शहीद हुए।