रायपुर करीब चार साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रायपुर का मास्टर प्लान फाइनल कर दिया गया है। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के साथ ही अब इसे राजपत्र में प्रकाशित करने सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। इस हफ्ते हर हाल में नए प्लान की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अधिसूचना जारी होने के साथ ही राजधानी में 2031 तक के लिए मास्टर प्लान लागू हो जाएगा। नया प्लान 30 लाख की आबादी के लिए बनाया गया है। इसमें 50 हजार हेक्टेयर जमीन को शामिल किया गया है। नए मास्टर प्लान को लागू करने से पहले 1452 आपत्तियां दर्ज कराई गई थी। अफसरों का दावा है कि सभी आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया है। इसके बाद ही अंतिम रूप दिया गया।
नए प्लान में शहर की चारों ओर की सरहदें जयस्तंभ चौक को केंद्र मानकर बढ़ाई गई हैं। जयस्तंभ चौक से पूर्व दिशा में मंदिरहसौद तक, पश्चिम में कुम्हारी तक, उत्तर में सिमगा और दक्षिण में पुराना धमतरी रोड में खिलौरा तक का क्षेत्र नए प्लान में शामिल किया गया है। पुराने मास्टर प्लान में 41 गांव शामिल थे, लेकिन इस बार 65 नए गांवों को शामिल किया गया है।
मास्टर प्लान में अब 106 गांवों की जमीन शामिल की गई है। 2031 के मास्टर प्लान में बोरियाकला को एजुकेशन हब, कचना में प्रीमियम रेसीडेंशियल जोन, गिरौद में लॉजिस्टिक हब, टाटीबंध को ट्रांसपोर्टेशन जोन, तिल्दा को नए औद्योगिक क्षेत्र के रूप में डेवलप करने की योजना तैयार की गई है।
रायपुर और नवा रायपुर के बीच एक बफर जोन बनाया गया है। यह जोन आरंग, बोरियाकला और नवा रायपुर को जोड़ेगा। यह क्षेत्र ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए इस जोन को बनाया गया है।
अब 2041 के प्लान पर 50 लाख की आबादी के लिए शुरू होगा काम
नए प्लान में 143 सड़कें बनेंगी
राजधानी
के नए मास्टर प्लान में 143 सड़कों को शामिल किया गया है। हालांकि इसमें 76
सड़कें वहीं हैं जो पुराने प्लान में भी शामिल थी। रायपुर की आबादी आने
वाले 10 साल में 5 लाख बढ़ने का अनुमान है। इसी आबादी के अनुसार नई सड़कें
बनाई जाएंगी। ताकि शहर का ट्रैफिक स्मूथ रह सके। अफसरों के अनुसार मास्टर
प्लान का पहला पार्ट 2023 से 2025 और दूसरा पार्ट 2026 से 2031 तक लागू
किया जाएगा। यानी दो चरणों में इन सभी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
50 साल में सिर्फ 3 ही प्लान बना सके
रायपुर
में 50 साल में केवल 3 मास्टर प्लान बने हैं। तीसरा मास्टर प्लान 2021 तक
के लिए बनाया गया था। इसे इसी साल लागू भी करना था। बाद में कोरोना और
लॉकडाउन की वजह से दो साल और बीत गया। इसलिए इसे अब लागू किया जा रहा है।
शहर का पहला मास्टर प्लान 1971 में बना था। उस समय इसमें 30 वार्ड शामिल
किए गए हैं। बाद में बने 2 मास्टर प्लान में 70 वार्डों की को शामिल किया
गया था।
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