कलेक्टर और एसपी ने भोरमेदव मेला स्थल की तैयारियों का किया निरीक्षण

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जिले के ऐतिहासिक, पुरात्तव, पर्यटन, जन आस्था के केन्द्र भोरमदेव में महाशिवरात्रि पर्व पर होगा भव्य मेला का आयोजन

भोरमदेव मंदिर दर्शन के लिए की गई विशेष व्यवस्था

कवर्धा, छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल एवं कबीरधाम जिले के ऐतिहासिक, पुरात्तव, पर्यटन, जन आस्था के केन्द्र भोरमदेव में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष महाशिवरात्रि पर्व में मेले का भव्य आयोजन होगा। कलेक्टर जनमेजय महोबे और पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने मेले की तैयारियों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। भोरमदेव मंदिर परिसर में महाशिवरात्रि पर्व पर भोरमदेव सनातन तीर्थ ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर महोबे ने भोरमदेव मंदिर क्षेत्र परिसर की साफ-सफाई कवर्धा-भोरमदेव मार्ग में विद्युत के खंभों में प्रकाश व्यवस्था, भोरमदेव के प्राचीन सरोवर की साफ-सफाई तथा मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के लिए पेयजल के इंतजाम करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने भोरमदेव उद्यान की साफ-सफाई एवं बेहतर रख-रखाव करने भी कहा। इस दौरान भोरमदेव मंदिर परिसर में प्रकाश व बिजली के पुख्ता इंतजाम करने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण निगम के कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया। मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए बेरीकेटिंग करने पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता व मेला स्थल में व्यवस्थित तरीके से दुकान लगवाने संबंधित अधिकारी तथा भोरमदेव मार्ग में आवागमन व्यवस्था, यातायात नियंत्रण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर कवर्धा एसडीएम पी.सी. कोरी, जनपद सीईओ मनीष भारती, तहसीलदार सीतराम कंवर, ईई पीडब्ल्यूडी व्हीके चौहान, मुख्य नगर पालिका अधिकारी नरेश वर्मा सहित अधिकारी उपस्थित थे।

श्रद्धालुओं के लिए दिन भर खुला रहेगा मंदिर, शाम को होगी भस्म आरती

भोरमदेव मंदिर के पट सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुले रहेगें। सुबह भगवान भोलेनाथ की रुद्धाभिषेक के पश्चात् महाआरती से मध्य आरती मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दिन भर खुला रहेगा। मंदिर के गुम्बज में सुबह ध्वज चढ़ाया जाएगा एवं शाम को भस्म आरती होगी। मंदिर समिति के द्वारा 51 किलो बूंदी प्रसाद के साथ-साथ श्रद्धालुओं के द्वारा भी प्रसाद वितरण किया जाएगा।  

भोरमदेव मंदिर दर्शन के लिए की गई विशेष व्यवस्था

भोरमदेव मंदिर परिसर में पुरातत्व विभाग के द्वारा जीर्णोद्धार का कार्य भी कराया जा रहा है। इस बार श्रद्धालुओं को मंदिर की परिक्रमा के लिए बेरीकेटिंग लगाकर व्यवस्था गई है। मंदिर परिसर में वीवीअईपी गेट से महिलाओं एवं बच्चों का प्रवेश दिया जाएगा एवं एक अन्य गेट से सभी पुरूष श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा। मंदिर से बाहर निकलने के लिए मंदिर के पीछे भाग पर एक अन्य निकासी द्वार खोला गया है। जहाँ से सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकलने में सुविधा होगी। साथ ही साथ गार्डन तरफ से नागद्वार से श्रद्धालुओं को बाहर निकासी की व्यवस्था की गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंदिर परिसर में लगाया जाएगा निःशुल्क शिविर

मंदिर परिसर में स्वास्थ्य विभाग का निःशुल्क विशेष शिविर लगाया जाएगा। जिससे मंदिर में स्वास्थ्य संबंधी सेवा मंदिर परिसर में तत्परता से की जाएगी। मंदिर के पूर्व द्वारा से पुरुषों के लिए एवं उत्तर के प्रवेश द्वार से महिलाओं एवं बच्चों के लिए प्रवेश है। दक्षिण द्वार से सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकलने के व्यवस्था की गई है।

भोरमदेव परिसर में पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्लास्टिक पूर्णतः प्रतिबंध

भोरमदेव परिसर में पर्यावरण की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए प्लास्टिक पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। श्रद्धालुओं से अपील है कि भोरमदेव परिसर में पर्यावरण प्रदूषित करने वाले प्लास्टिक का प्रयोग न करें। पूर्व प्रवेश द्वार एवं उत्तर प्रवेश द्वार पर श्रद्धालुओं की नारियल एवं प्रसाद अर्पण के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर के गर्भगृह के अंदर नारियल एवं प्रसाद ले जाना पूर्णतः वर्जित रहेगा। श्रद्धालु मंदिर परिसर के अंदर निर्धारित स्थान पर ही पूजा सामग्री अर्पण कर मंदिर प्रशासन को सहयोग करेगें।

भोरमदेव मंदिर को फूल-माला और प्रकाश व्यवस्था से सजाया गया

महाशिवरात्रि के पावन वर्ष पर मंदिर को फूल-माला और प्रकाश व्यवस्था कर मंदिर की साज-सज्जा की गई है। श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था पानी की टैंकर एवं नल के माध्यम से की जाएगी। आपात स्थिति से निपटने के लिए फायर बिग्रेड एवं आपदा प्रबंधन की जिला स्तरीय टीम मंदिर परिसर के पास तैनात रहेगी। सभी श्रद्धालुओं से मंदिर प्रशासन की ओर यह अनुरोध है कि सभी श्रद्धालु निर्धारित से प्रवेश कर भगवान भोले का दर्शन प्राप्त कर निर्धारित स्थान से मंदिर से शांति पूर्व ढंग से बाहर निर्गमन करें। निर्धारित स्थान पर जूता चप्पल बाहर निकालकर मंदिर परिसर में प्रवेश करेगें। श्रद्धालु अपने कीमती समानों की सुरक्षा एवं बच्चों की देखभाल स्वयं करेगे। ट्रस्ट की मंदिर परिसर के आस-पास एवं मुख्य प्रवेश द्वार पर किसी भी प्रकार के चार पहिया एवं दो पहिया वाहनों को प्रवेश न करे और अंदर न लाएं। मंदिर परिसर के पास बने सरोवर में श्रद्धालुओं के द्वारा नौका विहार किया जाता है। श्रद्धालु से अपील है कि सुरक्षा जैकेट पहनकर ही नौका विहार का आनंद ले।