कोरिया, कोरिया जिले के वनांचलों में रहने वाले आदिवासी परिवारों के लिए बकरीपालन सदैव से एक परंपरागत कार्य रहा है। प्रोजेक्ट उन्नति के तहत ऐसे परिवार के युवाओं को चयनित कर उन्हे उसी कार्य में पारंगत बनाने का कार्य किया गया है जिसे वह आसानी से अपना सकें। ऐसी ही सफलता का कार्य केशगंवा ग्राम पंचायत में रहने वाले श्री अनिल कुमार बखूबी कर रहे हैं। वह स्वयं बतलाते है कि परिवार के बड़े पुत्र हैं और उनके परिवार के पास लगभग ढाई एकड़ खेती है। परिवार के सदस्य खेती में संलग्न रहते हैं और बारिश आधारित खेती के बाद उनके परिवार के सभी वयस्क सदस्य महात्मा गांधी नरेगा के तहत अकुशल श्रम करते है। उनके पिता अमोल साय, माता श्रीमती रामकली और दो भाई हैं। दोनो छोटे भाई पढ़ाई करते है। पहले उनका परिवार सिर्फ बारिश पर आधारित खेती करता था और फिर पूरे वर्ष उनके लिए रेाजगार की समस्या रहती थी। गत वर्ष जब उन्होने मनरेगा में पूरे 100 दिन का रोजगार पूरा किया तो उन्हे प्रोजेक्ट उन्नति के लिए चयनित किया गया। स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कोरिया कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से निशुल्क बकरीपालन का प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। प्रशिक्षण के बाद वह अपने परिवार के साथ मिलकर बड़े स्तर पर बकरी पालन करने लगे हैं और अब उनके पास 20 से ज्यादा बकरे-बकरियों की संख्या है। इनके विक्रय से अब अनिल के परिवार को आसानी से आठ से दस हजार रूपए प्रतिमाह की आमदनी होने लगी है। पहले केवल खेती और मजदूरी पर आश्रित रहने वाले परिवार के पास अब पैसों की कोई चिंता नहीं है।
AD 02
AD 01
Subscribe Us
Most viewed
बीजेपी सरकार में गिरौदपुरी धाम अंतर्गत स्थित जैतखाम भी सुरक्षित नहीं :विधायक संदीप साहू
बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे ने विधानसभा में श्रमिकों के पंजीयन को लेकर उठाए सवाल, मंत्री ने दिया विस्तृत जवाब
पवन साहू ने जीता ज़िला पंचायत सदस्य का चुनाव,क्षेत्र के लोगों में हर्ष.... अपने निकटतम प्रतिद्वंदी नवीन मिश्रा को 12 हजार से भी अधिक मतों से हराया.....
Weather
विज्ञापन 4
Follow us