दशहरा क्यों मनाया जाता है?

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दशहरा के बारे में कौन नहीं जानता। ये सभी हिन्दुओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है। लेकिन क्या आप जानते है की दशहरा क्यों मनाया जाता है? Dussehra के पर्व को विजया दशमी भी कहा जाता है। क्यूंकि इस दिन अच्छाई बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दशहरा का पर्व रितिमत तरीके से मनाया जाता है। ये काफी प्रभावित है रामायण से जिसमें की भगवान राम और असुर रावण की व्याख्या की गयी है।

यदि आपने इसे पढ़ा होगा तो आपको ये बात जरुर से पता होगा की इसमें भगवान राम ने रावण का वध किया था और साथ में माता सीता को उसके चंगुल से बचाया भी था। ये एक दिन का पर्व नहीं है बल्कि इसे पुरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। वहीँ आखिर के दिन (दसवां दिन) को Dussehra कहा जाता है

यही वो दिन है जिस दिन सत कर्मों का असत कर्मों पर जीत हुआ था। वहीँ ये हमें सीखलाता है की सही रास्ते पर चलने वालों की हमेशा से जीत होटी है। इन दस दिनों में काफी सारे देवियों की पूजा अर्चना की जती है। वहीँ इन नो रातों में घरबा खेला जाता है और इसे ही नवरात्रि कहा जाता है।


 प्रत्येक दिन इन नो दिनों की एक देवी की पूजा की जाती है। ऐसे बहुत से चीज़ों के बारे में यहाँ आपको इस article में पढने को मिलेगा। इसलिए पूरी जानकारी के लिए इस article दशहरा क्यों मनाई जाती है को पूरी तरह से पढ़ें। तो फिर चलिए शुरू करते हैं भारत के प्रमुख त्यौहार दुर्गा पूजा।

दशहरा क्या है

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दशहरा त्योहार अश्विन के महीने में मनाया जाता है और यह दसवें दिन पड़ता है। यह त्यौहार नौ दिवसीय नवरात्रि के समापन के बाद मनाया जाता है।

 दशहरा का त्यौहार विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है और पूरे भारत में हिंदू लोगों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। ऐतिहासिक मान्यताओं और सबसे प्रसिद्ध हिंदू ग्रंथ, रामायण के अनुसार, यह उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने शक्तिशाली राक्षस, रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा माता का आशीर्वाद पाने के लिए एक चंडी-पूजा (पवित्र प्रार्थना) की थी।

श्रीलंका के दस सिर वाले दानव राजा जिन्होंने अपनी बहन सुपर्णखा का बदला लेने के लिए भगवान राम की पत्नी, सीता का अपहरण कर लिया था। तब से, जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, वह दशहरा उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।