रायपुर। ब्राह्मणपारा में कंकाली तालाब के उपर 700 साल पुराना कंकाली मठ है। घनघोर जंगल में श्मशान के बीच नागा साधुओं ने मठ का निर्माण किया था। यहां वे काली की पूजा करते थे। कंकालों के बीच काली की पूजा होने से इस मठ का नाम कंकाली मठ पड़ा। कालांतर में मठ की प्रतिमा को नए मंदिर में स्थानांतरित किया गया। स्थानांतरित होने के बाद पुराने मठ में नागा साधुओं के शस्त्र रखे गए। सालों से यह मठ अब साल में एक बार दशहरा के दिन ही खोला जाता है। शस्त्रों की पूजा करके श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाता है। दूसरे दिन पूजा करके फिर मठ को बंद कर दिया जाता है।
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