आरक्षण में कटौती को लेकर सियासी सरगर्मी तेज, 27 सीट बचाने आदिवासी वोटरों तक पहुंचेगी कांग्रेस

Views

 


छत्तीसगढ़ में हाई कोर्ट ने 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण को अमान्य करने के बाद प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कांग्रेस भी अपनी बात समाज तक पहुंचाने की जुगत में भिड़ गई है।

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में हाई कोर्ट ने 50 फीसद से ज्यादा आरक्षण को अमान्य करने के बाद प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कोर्ट के फैसले के बाद आदिवासी वर्ग के आरक्षण में कटौती हो गई है। कटौती के लिए एक ओर जहां आदिवासी समाज जगह-जगह बैठक कर सरकार के खिलाफ रणनीति बना रहा है, तो कांग्रेस भी अपनी बात समाज तक पहुंचाने की जुगत में भिड़ गई है। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 29 विधानसभा सीट है, जिसमें से 27 पर कांग्रेस विधायक है।

प्रदेश में सरकार बनाने में आदिवासी सीट की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। ऐसे में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आदिवासी वर्ग की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। कांग्रेस के नेता आदिवासी क्षेत्रों में जनता के बीच पहुंचकर आरक्षण कटौती के लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जिम्मेदार बता रहे हैं। वहीं, भाजपा यह कहकर पलटवार कर रही है कि कांग्रेस सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट में पैरवी ठीक तरीके से नहीं की। अब राज्य सरकार आरक्षण बहाल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की शरण में है। राज्य सरकार ने मुकुल रोहतगी, अभिषेक मनु सिंघवी सहित वरिष्ठ वकीलों की टीम को पैरवी का जिम्मा सौंपा है।

गौरतलब है कि रमन सरकार ने वर्ष 2011 में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। 2012 में इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जब आरक्षण को बढ़ाने का निर्णय हुआ, उसी समय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य सरकार को अदालत के सामने आरक्षण को 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने की विशेष परिस्थितियों और कारण को बताना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। बाद में जब संशोधित जवाब प्रस्तुत करने का समय आया, उस समय भी भाजपा सरकार ने अनदेखी की। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अंतिम बहस में तर्क प्रस्तुत किया गया। मंत्रिमंडलीय समिति के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन पुराने हलफनामे में उल्लेख नहीं होने के कारण अदालत ने स्वीकार नहीं किया। मरकाम ने कहा कि आदिवासी वर्ग का नुकसान हुआ है। इसके बारे में समाज को जागरूक किया जा रहा है।