संगीत की दुनिया में मनोज मसंद ने बहुत कम समय में सबके दिलों में अपनी जगह बना ली है...

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 दी कराओके क्लब के संरक्षक मनोज मसंद जी ने बहुत कम समय में सबके दिलों में अपनी जगह बना ली है...

पुराने गीतों के बेहद शौकिन मनोज जी ने अपने इस शौक को ला$कडाऊन के वक्त से निखारना और अंजाम देना शुरू कर दिया...

 

 रायपुर में संगीत की दुनिया के चमकते हुए सितारे मनोज मसंद की आवाज़ का जादू, उनके गानों का चयन, उनका सबसे जुदा अंदाज़, श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देता है । पुराने गीतों के बेहद शौकिन मनोज जी ने अपने इस शौक को लाकडाऊन के वक्त से निखारना और अंजाम देना शुरू कर दिया...दी कराओके क्लब के संरक्षक मनोज मसंद जी ने बहुत कम समय में सबके दिलों में अपनी जगह बना ली है, कई कराओके ग्रुप ने इन्हें सम्मान देने के साथ-साथ गेस्ट एपियरेंस का भी मौका दिया है।  पेशे से कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक है, लॉक डाउन में खाली वक्त ने गीतों के प्रति इनके रुझान ने इस ओर इनका ध्यान खींचा उसके बाद एक ग्रुप से जुड़े लेकिन इनकी प्रतिभा को पहचान नही मिली लेकिन मन मे आया  मनोज मसंद जी ने ग्रेजुवेशन की शिक्षा सेकंड ईयर तक डोंगरगढ़ डिग्री कॉलेज में प्राप्त की। फाइनल छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर से किया । पिता का स्वस्थ ठीक न होने के कारण पढ़ते पढ़ते ही ऑटो पाट्र्स की दुकान संभालने लगे मनोज जी का  विवाह  स्नेहा जी से हुआ तथा इनके 2 बच्चे बड़ा बेटा हिमांशु और बिटिया साक्षी है। जैसे मनोज जी अपने संगीत के प्रति पूरी ईमानदारी से एंव निष्ठा से संगीत को पूजा के रूप में अपने जीवन में जो स्थान दिया।  वैसा ही वह अपने परिवार एंव समाज में भी एक निष्ठावान ईमानदार एवं बहुत ही नम्र स्वभाव के साथ परिवार व समाज से जुड़कर अपनी जिम्मेदारियों को निभाते चले आ रहे हैं। पुराने गीतों के बेहद शौकिन मनोज जी ने अपने इस शौक को ला$कडाऊन के वक्त से निखारना और अंजाम देना शुरू कर दिया... मनोज मसंद जी की एक और बेहद ही खूबसूरत  शौक है. जिसकी वजह से भी वह बहुत से दिलों में राज करते आ रहे हैं। वह है कविता लिखने का शौक उन्होंने राजनीति से लेकर फिल्मी कलाकारों एवं सुप्रसिद्ध गायिका स्वर कोकिला स्व. लता दीदी पर भी बेहद उम्दा कविता लिखी है...।