बूंदी
एफसीआई के गोदाम में रखे गेहूं का समय रहते इंतजाम नहीं हुआ तो सड़ जाएगा।
गोदान के अंदर तक बरसाती पानी भर चुका है। गोदाम में पानी सीलन आने लगी है।
जो गोदाम के अंदर पहुंच गई। अगर जल्द पानी की निकासी नहीं हुई तो
धीरे-धीरे गेहूं में नमी और सीलन आ जाएगी, जिससे बदबू आने और खराब होने की
आशंका है। एफसीआई प्रबंधक पानी की निकासी को लेकर जिला प्रशासन और नगर
परिषद को लेटर लिख चुके और व्यक्तिगत बता चुके हैं। गाेदाम के करीबी बड़े
नाले की सफाई नहीं होने से परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। अगर नाले की जल्द
सफाई नहीं हुई तो गोदामों के अंदर पानी घुस जाएगा। जिससे गेहूं के कट्टे
खराब होने के आसार हैं। एफसीआई के इस गोदाम की क्षमता 1 लाख 63 हजार
क्विंटल गेहूं की है। गोदाम में 16, 630 एमटी यानी 3 लाख 20 हजार गेहूं के
कट्टे हैं, जो 1 लाख 63 हजार क्विंटल है, जो सीलन-नमी में खराब हो सकते
हैं। अगर 2200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भी जोड़ें तो 35 करोड़ 86
लाख रुपए का गेहूं सड़ने की कगार पर है। एफसीआई गोदाम से ही जिलेभर की 426
राशन की दुकानों पर 70000 क्विंटल गेहूं पहुंचता है, जो 1 लाख 92 हजार 765
परिवारों में बंटता है। क्षेत्रीय पार्षद महावीर मीणा कहते हैं कि नालों की
सफाई सिर्फ खानापूर्ति रही और फोटो खींचे गए, इसलिए क्षेत्रीय कॉलोनियों
और एफसीआई गोदाम का यह हाल हो रहा है। आयुक्त और अधिकारियों को बताया,
आश्वासन दे गए। अब लाखों क्विंटल गेहूं सड़ने की कगार पर है।
गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हुई
गेहूं
सुरक्षित रखने के लिए हर साल प्राइवेट गोदाम किराए पर लिया जाता है। पूर्व
में तालेड़ा, माटूंदा, आरएसडब्ल्यूसी सहित अन्य गोदामों को किराए पर लिया
जाता था। बरसाती दिनों में गेहूं के कट्टे रखे जाते थे, लेकिन इस बार गेहूं
का बाजार में भाव ज्यादा होने से जिले में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हुई।
एमएसपी बाजार भाव से कम हाेने से सरकारी खरीद नहीं हो सकी। इस बार राशन की
दुकानों पर बांटने के लिए पंजाब से गेहूं मंगवाया जा रहा है। राजस्थान में
समर्थन मूल्य 2000 रुपए के करीब 1 क्विंटल गेहूं का रखा गया था, जबकि 2200
रुपए से अधिक बाजार में बिका। समर्थन मूल्य पर किसानों ने रुचि नहीं
दिखाई।
बुरहान अली
बूंदी एफसीआई के गोदाम में रखे गेहूं का समय रहते इंतजाम नहीं हुआ तो सड़ जाएगा। गोदान के अंदर तक बरसाती पानी भर चुका है। गोदाम में पानी सीलन आने लगी है। जो गोदाम के अंदर पहुंच गई। अगर जल्द पानी की निकासी नहीं हुई तो धीरे-धीरे गेहूं में नमी और सीलन आ जाएगी, जिससे बदबू आने और खराब होने की आशंका है। एफसीआई प्रबंधक पानी की निकासी को लेकर जिला प्रशासन और नगर परिषद को लेटर लिख चुके और व्यक्तिगत बता चुके हैं। गाेदाम के करीबी बड़े नाले की सफाई नहीं होने से परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। अगर नाले की जल्द सफाई नहीं हुई तो गोदामों के अंदर पानी घुस जाएगा। जिससे गेहूं के कट्टे खराब होने के आसार हैं। एफसीआई के इस गोदाम की क्षमता 1 लाख 63 हजार क्विंटल गेहूं की है। गोदाम में 16, 630 एमटी यानी 3 लाख 20 हजार गेहूं के कट्टे हैं, जो 1 लाख 63 हजार क्विंटल है, जो सीलन-नमी में खराब हो सकते हैं। अगर 2200 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भी जोड़ें तो 35 करोड़ 86 लाख रुपए का गेहूं सड़ने की कगार पर है। एफसीआई गोदाम से ही जिलेभर की 426 राशन की दुकानों पर 70000 क्विंटल गेहूं पहुंचता है, जो 1 लाख 92 हजार 765 परिवारों में बंटता है। क्षेत्रीय पार्षद महावीर मीणा कहते हैं कि नालों की सफाई सिर्फ खानापूर्ति रही और फोटो खींचे गए, इसलिए क्षेत्रीय कॉलोनियों और एफसीआई गोदाम का यह हाल हो रहा है। आयुक्त और अधिकारियों को बताया, आश्वासन दे गए। अब लाखों क्विंटल गेहूं सड़ने की कगार पर है।
गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हुई
गेहूं सुरक्षित रखने के लिए हर साल प्राइवेट गोदाम किराए पर लिया जाता है। पूर्व में तालेड़ा, माटूंदा, आरएसडब्ल्यूसी सहित अन्य गोदामों को किराए पर लिया जाता था। बरसाती दिनों में गेहूं के कट्टे रखे जाते थे, लेकिन इस बार गेहूं का बाजार में भाव ज्यादा होने से जिले में गेहूं की सरकारी खरीद नहीं हुई। एमएसपी बाजार भाव से कम हाेने से सरकारी खरीद नहीं हो सकी। इस बार राशन की दुकानों पर बांटने के लिए पंजाब से गेहूं मंगवाया जा रहा है। राजस्थान में समर्थन मूल्य 2000 रुपए के करीब 1 क्विंटल गेहूं का रखा गया था, जबकि 2200 रुपए से अधिक बाजार में बिका। समर्थन मूल्य पर किसानों ने रुचि नहीं दिखाई।
^एफसीआई गोदाम के पास नाले के पानी का ढलान विपरीत दिशा में है। पानी निकल नहीं पा रहा है। पानी निकालने के लिए जेसीबी भेजी थी, लेकिन यहां कोई विवाद होने से काम नहीं कर पाए। अब दोबारा से नाले की सफाई कराई जाएगी। कोशिश कर रहे हैं कि पानी की निकासी हो। -महावीरसिंह सिसोदिया, आयुक्त, नगर परिषद ^एफसीआई गोदाम में करीब 3 लाख कट्टे रखे हैं। गोदाम के सामने नाले के पानी की निकासी नहीं होने से दो-तीन दिन से पानी भरने की समस्या खड़ी हो गई है। नगरपरिषद आयुक्त को मुआयना करवाया है। अगर समय रहते पानी की निकासी नहीं हुई तो गेहूं में मोइस्चर और सड़न की समस्या से भारी नुकसान हो जाएगा। -शिवजीराम जाट, डीएसओ
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