प्राथमिक शाला पूरी तरह से जर्जर..मालवा गिरने से नैनिहाल बच्चों की जिंदगी खतरे में...साप बिच्छु का डर बना रहता है।

Views

 


पखांजुर-छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को लेकर चाहे कितने भी बेहतर दावे करती हो लेकिन अंदरूनी इलाकों में सारे दावे खोखली साबित हो रही है,और दिखाई भी दे रही है,हम बात कर रहे है,घोड़ागांव प्राथमिक शाला जो भवन अब जर्जर हो गया है. स्कूल में पड़ने वाले छात्रों के ऊपर हमेशा जान का खतरा बना रहता है. इसके बाद भी छोटे बच्चे यहां पढ़ने के लिए मजबूर है. ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक नहीं है. लेकिन साल भर पहले से इसकी जानकारी दी गई जानकारी भी है,पर आज तक कोई अधिकारियों के संघ्यन में नही है स्कूल में बच्चे अपना भविष्य गढ़ने के लिए पहुंचते हैं,आपको बता दु स्कूल में पदस्थ प्रधान अध्यापक और शिक्षिका जाग्रति पटेल ने बताया सालों से  कई बार बीओ आफिस में नये भवन के लिए आवेदन दिया गया है लेकिन आज तक भवन का मरम्मत नही किया गया व जिमेदार अधिकारी कभी निरीक्षण करने नही आते है, भवन जर्जर और दीवाल क्रेक होने की वजह से सर्प एवं बिच्छू का भी डर बना रहता है।


लेकिन सवाल ये है कि आखिर बच्चों की जिंदगी और भविष्य के साथ जो खिलवाड़ चल रहा है किसकी लापरवाही है,और इस सब का जिमेदार कौन है,? निश्चित तौर से अगर अधिकारियों का आना जाना होता समय रहते अगर भवन की मरम्मत सही समय पर हो जाता तो  शायद बच्चों को जानजोखिम में डालकर पढ़ाई नही करनी पड़ती।

पखांजुर क्षेत्र में कई स्कूल भवन है जर्जर...

बतादे पखांजुर क्षेत्र में एक नही दर्जनों से अधिक स्कूल जर्जर है,जहां रोज छोटे छोटे बच्चों की जान खतरे में रहती है. जिम्मेदार कान में तेल डाले हुए सोये हैं. शिक्षा के इस मंदिर में बच्चे खतरों के बीच डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं. क्षेत्र के दर्जनों स्कूल भवन जर्जर बदहाल स्कूल भवन में बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.स्थिति ऐसी है कि स्कूल छत का प्लास्टर कभी भी उखड़कर गिर सकता है और गिर भी रहा है जिसके कारण कभी भी अनहोनी हो सकती है, जो कभी भी खतरे का कारण बन सकता है,यहां की कई प्राथमिक विद्यालय पुराने हो चुके है या रखरखाव के अभाव या में जर्जर हो चला है। भवन का सारा हिस्सा खण्डहर में तब्दील हो रहा है। वही 2 सालों से स्कूल बंद होने के चलते स्कूल भवन में चारों ओर प्लास्टर उखढ़ रहा है। सीलन आ रही है तथा छत से प्लास्टर नीचे गिर रहा है। 

जर्जर भवनों की सूची जिला कार्यालय में भेज दी गई है,मरमत हेतु राशि जब हमारे पास आएगा,तत्काल मरमत करने का कार्य किया जाएगा,तत्पश्चात संकुल समन्वयक से जाँच कर रिपोटिंग मांगी जाएगी,यादि जर्जर भवन है तो किसी भी बच्चों को नही बिठाना है, संकुल समन्वयक और प्रधान अध्यापक द्वारा अब तक जानकारी नही दी गई है,अब तक मेरे पास मरमत संबधित कोई आवेदन नही आया है जब से मैं कोयलीबेड़ा ब्लॉक में पदस्थ हुआ हूँ,मरमत कार्य का आवेदन आता है तो तत्यकाल वहाँ पे मरमत कार्य किया जाएगा।