*नहीं कि रुपयो कि बरबादी,और हो गई, दहेज मुक्त शादी*

Views

 


 सवाई माधोपुर,कहना बहुत आसान है, मगर ये कर दिखाया है , उनियारा तहसील के गांव शोप के रहने वाले मोहन दास ने जिन्होंने मध्य प्रदेश के सिहोर जिले के रहने वाले रामसिंह के पुत्र तेजसिंह के साथ सहज में देखते ही देखते कर दी, जिसका श्रेय उन्होने कबीर पंथी संत रामपाल जी महाराज जी  को दिया , जिन्होंने धार्मिक पुस्तक जीने की राह के माध्यम से दहेज मुक्त भारत बनाने पर जोर दिया है,वर वधू का कहना है कि सही मायने में बेटी बचाओ अभियान तभी सार्थक होगा,जब हम अपने से शुरुआत करेंगे,इस अनोखी सादगी से भरी शादी में किसी भी प्रकार का दिखावा नहीं किया गया,ना कोई घोड़ी ना बेंड बाजा,ना ही दहेज दिया गया,बस 17 मिनट की अमृतवाणी के दौरान दोनों एक दूसरे के हो गए

आज समाज में दहेज के कारण ना जाने कितनी बेटीयों को संकट से जूझना पड़ता है,मगर आज संत रामपाल जी महाराज जी की दया से फैली हुई कुरितियो से  बचना आसानी से संभव है,आज जब हम इसका पुरजोर तरीके से डटकर मुकाबला करेंगे तो निश्चित ही स्वच्छ और निर्मल समाज की ओर अग्रसर होंगे , बस जरूरत है दहेज रुपी राक्षस को जड़ से उखाड़ फेंकने की और ये वर्तमान में एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आसानी से कर रहे हैं हेमदास झालावाड़ !