बड़गांव के वार्षिक देव मेला के दूसरे दिन दिखा भारी रौनक

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वर्तमान विधायक अनूप नाग और पूर्व विधायक भोजराज नाग भी बड़गांव मेले का आनंद लेने से नहीं चूके 

पखांजुर- का वार्षिक मेला हर वर्ष दो दिन का ही मेला होता हैं इस बार तीन दिवसीय मेला का आनंद ले रहे हैं बड़गांव देव मेला के दूसरे दिन रविवार को भारी रौनक रही राहुटोली झूला जो की सबसे पुराना झूला होते हुए भी आज के आधुनिक समय में हर गांव के मेले में उसकी कीमत आज भी कम नहीं हुई जबसे मेला लगने की परंपरा शुरू हुई तब से सर्व प्रथम लकड़ी का बना दो पहियों वाला जो की राहुटोली झूला के नाम से प्रसिद्ध है उसका आनंद लेते हुए भारी संख्या में युवा दिखाई दिए इसके साथ ही बच्चो के झूले में बड़ी संख्या में बच्चो को भी आनंद लेते दिखाई दिए खास बात यह है की जहा पर गर्मी 40 से ऊपर डिग्री तापमान हो उसके बावजूद लोगो का मेले में घूमना कम नहीं हुआ सब्जी मार्केट सहित हर बड़े छोटे दुकानों में खासी रौनक देखते बन रही थी लेकिन आज से 5 साल पहले जो दूर दूर क्षेत्र शहरो से व्यापारी आते थे वो अब नही पहुंच रहे है अभी लोकल व्यापारी से ही मेले की रौनक बन रही है साफ साफ कहे तो आज से 5 साल पहले तक जो मेला लगता था जिसमे मौत का कुआ,डांस पार्टी सरकश रेल झूला आकाश झूला फैंसी स्टोर्स के बड़े व्यापारिक पहुंचते थे अब धीरे धीरे उनका आना बंद हो गया अब मेला केवल बड़े बाजार का रूप ले रहा है लेकिन मेला तो मेला होता है पहले बड़गांव के मेले में बड़े बड़े खेल प्रदर्शनों का भीड़ रहता था अब वो भीड़ नही रही फिर भी बड़गांव क्षेत्र के लोग अपने अपने अतिथियों के साथ सहपरिवार मेले का आनंद लेते दिखाई दिए कपड़ों बर्तन मनिहारी दुकानों में सबसे ज्यादा महिला खरीदारों की भीड़ रही बड़गांव क्षेत्र से जुड़े लगभग 30 से 35 गांव के  लोग यहां क्षेत्र के लोग अपनी जरूरत के सारे सामान जैसे सोना चांदी ,बर्तन ,किसानी कार्य के सामग्री ,कपड़े से लेकर हर प्रकार के जरूरतों के समान बड़गांव के देव मेले में मिल जाता हैं और मेले में बर्तन और सोना चांदी कपड़े मनिहारी दुकानों में सबसे ज्यादा ग्राहकों की भीड़ रहती हैं जिस समय बड़गांव का मेला लगता है अभी क्षेत्र में शादी ब्याह का सीजन चल रहा है ऐसे में व्यापार बहुत बढ़िया होने से व्यापारी वर्गो में भी खुशी देखी गई  और लोगो को आसानी से लगभग जरूरत के सभी समान मिल जाता हैं शनिवार से  लगने वाले मेले के एक दिन पूर्व ही सर्वप्रथम देवी देवताओं के परिक्रमा और कला प्रदर्शन हेतु स्थान तैयार किया गया बाहर से दूर दूर से व्यापारी भी अपनी अपनी जगह भी बना लिए झूले होटलों खिलौने और हर प्रकार के व्यापारी भी एक दिन पहले ही अपने लिए मेला स्थल में स्थान सुरक्षित कर लिए

गांव का मेला भी एक प्रकार से त्यौहार से कम नहीं होता इस दिन निमंत्रण पर हर घर मेहमानों का आगमन भी शुरू हो गया हैं 
सुबह जब सबसे पहले देवी देवताओं की टोली ध्वज के साथ बाजे के साथ निकली तो मेले का माहौल देखते बना सभी श्रद्धालु माता शीतला मंदिर में भारी संख्या में देखे गए और देवताओं का काला प्रदर्शन भी ढोल बजा के साथ संपन्न हुआ 
गर्मी का दिन होने से ठंडक पेय पदार्थों की बिक्री भी अधिक हुई लोगो को आइस्क्रीम और बर्फ शरबत का आनंद लेने में ज्यादा मजा आया।