राजनांदगांव।
जन स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति गंभीरता के मामले में राजनांदगांव जिले ने
नया कीर्तिमान बनाया है। सबसे ज्यादा डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने वाले जिलों
की श्रेणी में राजनांदगांव को तृतीय स्थान हासिल हुआ है, जबकि राजधानी
रायपुर पहले स्थान पर है। इस कीर्तिमान से स्वास्थ्य विभाग में उत्साह का
नया संचार हुआ है।
आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत पूरे
देश में 16 नवंबर से 12 दिसंबर तक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे के रूप में
मनाया गया। इस दौरान जन स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए देशभर
में लाभार्थियों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई गई है। इसी तरह यूनिवर्सल हेल्थ
कवरेज-डे 2021 के अवसर पर दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को
प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान पूरे
देश में सर्वाधिक 53,067 डिजिटल हेल्थ आईडी छत्तीसगढ़ में बनाई गई है। वहीं
मध्यप्रदेश में 43,953 और ओडिशा में 17,342 डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई गई है।
जिला
कार्यक्रम प्रबंधक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन गिरीश कुर्रे ने बताया, शासन
द्वारा राजनांदगांव जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर सीएचसी व
पीएचसी में 4,643 हितग्राहियों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का लक्ष्य मिला
था। इसी के अनुरूप डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने का काम शुरू किया गया था जिसके
परिणाम स्वरूप कुल 4,366 लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई गई है। इस संबंध
में राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश
चौधरी ने बताया, देशभर में सबसे ज्यादा डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने वाले जिले
की श्रेणी में राजनांदगांव को तृतीय स्थान मिला है, जो गौरव का विषय है।
आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान राजनंदगांव जिले में कुल 4,366 लोगों की
डिजिटल हेल्थ आईडी बनाई गई है। जिले में जन स्वास्थ्य सुरक्षा को
प्राथमिकता में रखा गया है। लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कलेक्टर
तारण प्रकाश सिन्हा के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा जिले
में हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। डिजिटल हेल्थ आईडी बनाने के मामले में
जिले का यह कीर्तिमान इन्ही प्रयासों का हिस्सा है।
यह हैं सबसे ज्यादा हेल्थ आईडी बनाने वाले जिले
रायपुर (छत्तीसगढ़)
इंदौर (मध्यप्रदेश)
० राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
० रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
० बस्तर (छत्तीसगढ़)
० सीकर (राजस्थान)
० भद्रक (ओडिशा)
० धमतरी (छत्तीसगढ़)
० कोरबा (छत्तीसगढ़)
० बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
यह है डिजिटल हेल्थ आईडी
डिजिटल
हेल्थ आईडी कार्ड में संबंधित की बीमारी और इलाज से संबंधित सभी तरह की
जानकारियां दर्ज होंगी। यानी इसके माध्यम से किसी भी मरीज के मेडिकल
हिस्ट्री का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
ऐसे बनती है डिजिटल हेल्थ आईडी
मोबाइल
नंबर या आधार कार्ड के जरिए हेल्थ आईडी जनरेट किया जा सकता है। आधिकारिक
वेबसाइट से हेल्थ आईडी कार्ड बनाने के लिए पैन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस
का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा। मोबाइल या आधार के जरिए हेल्थ आईडी बनाने के
लिए लाभार्थी को अपना नाम, जन्म का वर्ष, लिंग, पता और मोबाइल नंबर या
आधार कार्ड की विस्तृत जानकारी देनी होगी।
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