छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केन्द्रों के कम्प्यूटर आपरेटरों के साथ कब होगा न्याय, संघ ने अपनी मांगों के साथ सौंपा ज्ञापन

Views

 

सक्ती: छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 2007 से धान खरीदी को कंप्यूटराइज्ड किया गया है। 2007 में ही कम्प्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती की गई थी। ये कम्प्यूटर आपरेटर नियुक्ति दिनांक से आज तक लगभग 14 वर्षों से कार्यरत हैं। इन ऑपरेटरों से छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा नियुक्ति दिनांक से वर्तमान तक केवल 9 माह का वेतन देकर के 12 माह का कार्य लिया जा रहा है। कम्प्यूटर आपरेटर संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार के समक्ष अपनी 2 सूत्री मांग रखी है। (1)  –   9 माह के स्थान पर 12 माह करते हुए वर्तमान संविदा वेतनमान प्रदान की जाए।

(2)  –   नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान की जाए।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा सक्ती के ब्रांच मैनेजर एवं सुपरवाइजर को छत्तीसगढ़ धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ सक्ती ने ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांग से अवगत कराया है।

कम्प्यूटर आपरेटर संघ ने छत्तीसगढ़ सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के विभिन्न योजनाओं में कार्य करने वाले गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, इत्यादि विभिन्न योजनाओं को कार्य कराने वाली सरकार हम आपरेटरों के साथ कब न्याय करेगी।

कंप्यूटर ऑपरेटरों को काम के घंटों के एवज में पारिश्रमिक नहीं मिल पा रहा है, शासन द्वारा कार्य तो ले लिया जाता है परंतु सम्मानजनक वेतन नहीं दिया जा रहा है अतः मजबूरन आपरेटर संघ छत्तीसगढ़ शासन को अपनी मांगों को लेकर के 25 अक्टूबर 2021 को ही धान खरीदी के दो दिवस पूर्व अनिश्चितकालीन आंदोलन की पूर्व सूचना दे चुकी है।

संघ का कहना है कि सरकार को पर्याप्त समय मिल गया है यदि सरकार किसानों की सरकार है और आपरेटर उनके छत्तीसगढ़ से ही भर्ती हुए आपरेटर हैं तो उनकी मांग को सुनने के लिए उनके पास पर्याप्त समय है परंतु सरकार उनकी अनदेखी कर रही है अतः हम अपनी मांग को सरकार से पूरी कराने के लिए 29 नवंबर 2021 को अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने के लिए मजबूर हैं।

ज्ञापन सौंपने वालों में पुरुषोत्तम बरेठ ब्रांच अध्यक्ष सक्ती, मीनाक्षी यादव प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य, सुरेश गबेल मीडिया प्रभारी, तेज लाल गबेल, शब्बीर सूर्यवंशी, कोषाध्यक्ष साकेत गबेल, श्री राम राठौर, सनत कुमार यादव, पुनी राम, डुलेश्वर चंद्रा, हेमेंद्र शशी छवि शंकर कान्हा उपस्थित थे।