कांग्रेस नेत्री के सुने मकान पर सेंधमारी, पुलिस की नाकामी हुई उजागर

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राजनांदगांव। शहर में  चोरी की घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है। चोरों ने सुने मकानों को निशाना बनाकर सेंधमारी की घटना को अंजाम दे डाला। घटना के 48 घंटे बाद भी पुलिस, को चोरों का अब तक कोई सुराग नही ढूँढ पाई है। चोर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। चोर पुलिस की गिरफ्त में कब तक होंगे पुलिस प्रशासन यह भी स्पष्ट करने में नाकाम है। चोरों का बीती रात शहर में एक के बाद सिलसिले वार चोरी ने यह साबित कर दिया है कि, पुलिस की गश्ती का बीते कुछ समय से चल रहा यह उपक्रम महज एक दिखावा और नाटक है। शहर के बीच 3 स्थानों पर एक साथ और एक ही दिन हुई चोरी पुलिस के उस दावे की पोल खोलती हुई नजर आ रही है। जिसमें पुलिस प्रशासन यह दावा करते नहीं थकता है कि जगह-जगह पुलिस की तैनाती कर अपराधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।

  अगर वाकई में पुलिस अपनी ड्यूटी के प्रति इतनी वफादार होती तो क्या चोरी की घटना को अंजाम दिया जा सकता था। आश्चर्य की बात तो यह है कि, महज कुछ दूरी पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक निवास भी है। चोरों के हौसले इतने बुलंद थे कि, उन्होंने इसकी भी परवाह नहीं की और माल साफ कर चलते बने। रोज अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस जो अपनी सक्रियता का गुणगान कर रही थी, क्या वो महज एक दिखावा था। इस तरह से तरह के सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं। जिस पुलिस अधिकारियों को चाक-चौबंद व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी मिली है, कांग्रेस की महिला नेत्री का घर लूटने से नहीं बचा पाई। कांग्रेस के शासनकाल में ही कांग्रेस नेत्री और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का घर जब सुरक्षित नहीं तो आम आदमी अपने घर की सुरक्षा की उम्मीद कैसे और किससे करे। यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। साथ ही पुलिस की गश्ती का जो राग बीते कुछ दिनों से अलापा जा रहा था। सिलसिले वार हुई चोरी की इस वारदात ने उसका भी भंडाफोड़ आज कर दिया है। वहीं फिंगर प्रिंट और डॉग स्क्वाड सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है।