डिस्काउंट वाली फ्लैश सेल नई शर्तों के साथ भविष्य में भी जारी रह सकती है जारी

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देश में ई-कॉमर्स कारोबारियों की तरफ से आयोजित की जाने वाली फ्लैश सेल को लेकर सरकार नरम रुख अपना सकती है। हिंदुस्तान को सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक देश में प्रस्तावित नए ई-कॉमर्स नियमों में प्रस्तावित इन पर पाबंदी को लेकर ढील दी जा सकती है। सरकार इसकी जांच की व्यवस्था को पहले की ही तरह कंपिटीशन कमिशन ऑफ इंडिया यानि सीसीआई के अधीन रखने पर ही विचार कर रही है। मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक ई-कॉमर्स कारोबारियों को रीटेल कारोबारियों की ही तर्ज पर एक समान व्यवस्था किए जाने की कोशिश की जाएगी।

नई ई-कॉमर्स नीति में कई विभागों और मंत्रालयों से विचार विमर्श किया जा रहा है, ताकि नियम कानूनों के दोहराव को घटाया जा सके। इस सब के बाद एक से दो महीने बाद नियमों को अमली जामा पहनाया जाएगा। ऐसे में आने वाले नए ई-कॉमर्स नियमों फ्लैश सेल पर सरकार सफाई दे सकती है। इसके तरह डिस्काउंट वाली फ्लैश सेल भविष्य में भी जारी रह सकती है हालांकि उसके लिए नई शर्तें जारी की जाएंगी।

उन शर्तों के तहत एक के बाद एक की जाने वाली सेल पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। वहीं फ्लैश सेल के नाम पर फ्रॉड करने वालों की सीसीआई ही जांच करेगा। सीसीआई की जांच के आधार पर ही ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी भी मामलों का खुद संज्ञान लेने के लिए स्वतंत्र रहेंगी।

ऑनलाइन बिक्री कारोबारियों के लिए संजीवनी बनी हुई है

इस मामले में सरकार ने पिछले कई महीनों में अलग अलग हितधारकों से लगातार रायशुमारी की थी। छोटे कारोबारियों ने सरकार से मांग की थी कि फलैश सेल जैसे मौके छोटे कारोबारियों के लिए बड़ा सहारा हैं। इंडिया एसएमई फोरम ने अपनी तरफ से भेजी चिट्ठी में सरकार से कहा कि कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन बिक्री कारोबारियों के लिए संजीवनी बनी हुई है और फ्लैश सेल इस में बड़ा सहारा है।

कारोबारियों का ये भी तर्क है कि इससे उनकी लंबे समय से पड़ी इंवेंट्री खाली हो जाती है। उनका कहना है कि सरकार की डिजिटल मुहिम का ही नतीजा रहा है कि बड़े पैमाने पर छोटे रीटेलर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पहुंच रहे हैं, लेकिन फ्लैश सेल पर पूरी से सख्ती लगाए जाने से अगर रुकावटें आईं तो कारोबारियों का नुकसान होगा।