पश्चिम बंगाल, दिल्ली में भी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा शुरू, जानें क्या हैं फायदे

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केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सेवा चालू हो गयी है जबकि शेष दो राज्यों असम और छत्तीसगढ़ में अगले कुछ महीनों में सेवा शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ, अब कुल 34 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक देश, एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं जिसके दायरे में अब 75 करोड़ लाभार्थी आ रहे हैं।
     
ओएनओआरसी दिल्ली में जुलाई में जबकि पश्चिम बंगाल में अगस्त में लागू किया गया।  मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "शेष दो राज्यों - असम और छत्तीसगढ़ - को अगले कुछ महीनों में ओएनओआरसी से जोड़ने का लक्ष्य है।"

   
वर्तमान में, राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में लगभग 2.2 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन का मासिक औसत लगातार दर्ज किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, अगस्त 2019 से अब तक 40 करोड़ पोर्टेबिलिटी लेनदेन किए गए हैं। इस तरह के सबसे ज्यादा लेन-देन बिहार (10.14 करोड़), उसके बाद आंध्र प्रदेश (6.92 करोड़), राजस्थान (4.56 करोड़), तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हुए हैं। 
     
योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों के लिए, चाहे वे देश में किसी भी जगह पर हो, सुचारु रूप से सब्सिडी वाले खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित करना है।