दैनिक भास्कर समूह पर आयकर की छापेमारी खत्म, मध्यप्रदेश में पहली बार इतनी लंबी कार्रवाई, जाने कार्यवाही में क्या पता चला

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भोपाल। टैक्स चोरी की छानबीन को लेकर दैनिक भास्कर समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापामारी 7 दिन तक चली। बुधवार देर शाम सभी टीमें वापस लौट गई। इस बीच आयकर चोरी के अलावा जीएसटी संबंधी छानबीन की फाइल भी खुल गई है। भास्कर समूह के ठिकानों पर की गई आयकर की इस छापामारी को मध्यप्रदेश की सबसे लंबी कार्रवाई माना जा रहा है।

मुंबई आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग की टीमें भास्कर समूह के करीब 3 दर्जन ठिकानों पर 22 जुलाई 2021 से छानबीन में जुटी थीं। मंगलवार को जांच अधिकारी भास्कर समूह के भोपाल स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस में डटे रहे। ज्यादातर ठिकानों पर मंगलवार देर रात कार्रवाई पूरी हो गई, बाकी जगह से दस्तावेज समेटने में बुधवार शाम तक का समय लग गया। छापामार दल बड़ी-बड़ी पेटियों में जब्त दस्तावेज लेकर मुंबई रवाना हो गए हैं। आयकर छापे की कार्रवाई अमूमन 3-4 दिन ही चलती है लेकिन भास्कर समूह पर यह छानबीन इस मामले में अपवाद साबित हुई।

क्या पता चला-  भास्कर समूह पर आयकर विभाग को छापे में 700 करोड़ रुपए की ऐसी आय का खुलासा हुआ है, जिस पर समूह ने 6 साल से टैक्स नहीं चुकाया। यही नहीं, भास्कर ग्रुप की कंपनियों से 2200 करोड़ रुपए के फंड ट्रांसफर की जानकारी भी मिली है। जांच में पाया गया है कि यह सभी लेन-देन काल्पनिक थे। इस राशि के एवज में किसी सामान का मूवमेंट नहीं हुआ। 2200 करोड़ की राशि पर कितना टैक्स बनेगा और किन-किन कानूनों का उल्लंघन हुआ है, उसकी पड़ताल अभी चल रही है। करोड़ों रुपए के बोगस खर्चे भी पकड़े गए हैं।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने  भास्कर समूह पर हुई छापामारी के संबंध में अधिकृत प्रेस नोट जारी करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आयकर छापे में सामने आया है कि भास्कर समूह की 100 से अधिक कंपनियां थीं। इनमें से कई कंपनियां वे अपने कर्मचारियों के नाम पर चला रहे थे, जिनमें फर्जी भुगतान और बोगस खर्चे की जानकारी सामने आई है। कई कर्मचारियों ने पूछताछ में आयकर अफसरों को बताया कि उन्हें कंपनियों में शेयर होल्डर और डायरेक्टर होने की भनक भी नहीं थी। भास्कर मैनेजमेंट ने उनके आधार कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया।

भोपाल के आसपास ठहरी थीं सारी टीमें- लंबे समय तक कार्यवाही चलने से छापामार दल भी थक गया था। छापों के लिए आई टीमों और सीआरपीएफ जवानों को भोपाल के आसपास ठहराया गया था। बीच-बीच में ये लोग कुछ घंटे आराम करने चले जाते थे। डायरेक्टर्स और कर्मचारी थक चुके थे। इन सभी लोगों का एक सप्ताह तक बाहर के लोगों से संपर्क कटा रहा। आयकर अधिकारियों ने उनके मोबाइल फोन अपने पास जमा करा लिए थे।

कंपनी का नाम लोन (करोड़ में)  बैंक, जिससे  लोन लिया-राइटर्स एंड पब्लिशर्स प्रा. लि.9,837.00 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लि., आदित्य बिड़ला फाइनेंस लि., एक्सिस सर्विसेस विस्ट्रा ITCL (इंडिया) लि. डीबी पावर लिमिटेड 85,20.75 रुपए बैंक ऑफ बड़ौदा, UBI, CBIX, BOI, SBI कैप ट्रस्टी लिमिटेड डिलीजेंट पॉवर प्रा. लि.7,742.75 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड भास्कर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. 725.208 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, SBI, IDBI बैंक लि.भास्कर पब्लिकेशन्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लि.458.80 रुपए SBI कैप ट्रस्टी, SBI, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, बैंक ऑफ  महाराष्ट्र डीबी पावर (मध्य प्रदेश) लिमिटेड 249.86 रुपएआदित्य बिड़ला फाइनेंस लि., RBL बैंक लिमिटेडडीबी कॉर्प लि. 189.00 रुपएIDBI बैंक लिमिटेडडीबी कॉन्सोलिडेटेड प्राइवेट लिमिटेड 185.00 रुपए स्टैंडर्ड चार्टर्ड इन्वेस्टमेंटस एंड लोन्स (इंडिया) लि., विस्ट्रा ITCL (इंडिया) लि.डेकोर थर्मल पावर प्रा. लि.148.00 रुपए   आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेडरीजेंसी एग्रो प्रोडक्ट्स 2.62 रुपएस्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर प्राइवेट लिमिटेड

जीएसटी का एंगल भी- बताया जाता है कि भास्कर समूह के विभिन्न कारोबार में जीएसटी का एंगल भी छानबीन का हिस्सा रहा। समूह की कई इंडस्ट्री से बरामद हुए दस्तावेजों की स्कू्रटनी के बाद संबंधित एजेंसियां कर चोरी का खुलासा करेंगी। आयकर विभाग को आशंका है कि जीएसटी संबंधी अनियमितताएं भी जांच में सामने आ सकती हैं।

पांच दिन में 16% गिरे शेयर- भास्कर ग्रुप पर छापामारी शुरू होने के बाद से उसके (डीबी कॉर्प) शेयर्स में तेजी से गिरावट आ रही है। डीबी कॉर्प का मार्केट कैप भी नीचे आया है। सोमवार को यह 1,647 करोड़ रुपए पर था। छापों के बाद 5 दिन में डीबी कॉर्प के शेयर 16.18 फीसदी टूटे हैं। इनके भाव 18.15 रुपए कम हो चुके हैं। सोमवार को डीबी कॉर्प का शेयर 94.15 रुपए पर बंद हुआ।

कंपनियों का होगा फॉरेंसिक ऑडिट- समूह की जिन कंपनियों के नाम पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है, उन सभी की फॉरेंसिक ऑडिट कराने की तैयारी है। यह किसी फर्म अथवा व्यक्ति से संबंधित ऐसा मूल्यांकन है, जिसका उपयोग अदालत में साक्ष्य के रूप में होता है

छापा खत्म होने के बाद दिया जाएगा पूरा ब्यौरा-आयकर विभाग को भास्कर समूह के करीब 3 दर्जन ठिकानों से 6 दिन की पड़ताल के दौरान कितनी प्रॉपर्टी, नकदी, सोना-चांदी व टैक्स चोरी मिली अभी इसका खुलासा होना बाकी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छापे की कार्यवाही संपन्न होने के बाद जब्त की गई अघोषित संपत्ति, नकद राशि, आभूषण के अलावा कुल टैक्स चोरी का ब्यौरा भी जारी किया जाएगा। ( सौ-पीपुल्स समाचार, भोपाल)

भोपाल। टैक्स चोरी की छानबीन को लेकर दैनिक भास्कर समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापामारी 7 दिन तक चली। बुधवार देर शाम सभी टीमें वापस लौट गई। इस बीच आयकर चोरी के अलावा जीएसटी संबंधी छानबीन की फाइल भी खुल गई है। भास्कर समूह के ठिकानों पर की गई आयकर की इस छापामारी को मध्यप्रदेश की सबसे लंबी कार्रवाई माना जा रहा है।

मुंबई आयकर इन्वेस्टीगेशन विंग की टीमें भास्कर समूह के करीब 3 दर्जन ठिकानों पर 22 जुलाई 2021 से छानबीन में जुटी थीं। मंगलवार को जांच अधिकारी भास्कर समूह के भोपाल स्थित कॉर्पोरेट ऑफिस में डटे रहे। ज्यादातर ठिकानों पर मंगलवार देर रात कार्रवाई पूरी हो गई, बाकी जगह से दस्तावेज समेटने में बुधवार शाम तक का समय लग गया। छापामार दल बड़ी-बड़ी पेटियों में जब्त दस्तावेज लेकर मुंबई रवाना हो गए हैं। आयकर छापे की कार्रवाई अमूमन 3-4 दिन ही चलती है लेकिन भास्कर समूह पर यह छानबीन इस मामले में अपवाद साबित हुई।

क्या पता चला-  भास्कर समूह पर आयकर विभाग को छापे में 700 करोड़ रुपए की ऐसी आय का खुलासा हुआ है, जिस पर समूह ने 6 साल से टैक्स नहीं चुकाया। यही नहीं, भास्कर ग्रुप की कंपनियों से 2200 करोड़ रुपए के फंड ट्रांसफर की जानकारी भी मिली है। जांच में पाया गया है कि यह सभी लेन-देन काल्पनिक थे। इस राशि के एवज में किसी सामान का मूवमेंट नहीं हुआ। 2200 करोड़ की राशि पर कितना टैक्स बनेगा और किन-किन कानूनों का उल्लंघन हुआ है, उसकी पड़ताल अभी चल रही है। करोड़ों रुपए के बोगस खर्चे भी पकड़े गए हैं।

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने  भास्कर समूह पर हुई छापामारी के संबंध में अधिकृत प्रेस नोट जारी करते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आयकर छापे में सामने आया है कि भास्कर समूह की 100 से अधिक कंपनियां थीं। इनमें से कई कंपनियां वे अपने कर्मचारियों के नाम पर चला रहे थे, जिनमें फर्जी भुगतान और बोगस खर्चे की जानकारी सामने आई है। कई कर्मचारियों ने पूछताछ में आयकर अफसरों को बताया कि उन्हें कंपनियों में शेयर होल्डर और डायरेक्टर होने की भनक भी नहीं थी। भास्कर मैनेजमेंट ने उनके आधार कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग किया।

भोपाल के आसपास ठहरी थीं सारी टीमें- लंबे समय तक कार्यवाही चलने से छापामार दल भी थक गया था। छापों के लिए आई टीमों और सीआरपीएफ जवानों को भोपाल के आसपास ठहराया गया था। बीच-बीच में ये लोग कुछ घंटे आराम करने चले जाते थे। डायरेक्टर्स और कर्मचारी थक चुके थे। इन सभी लोगों का एक सप्ताह तक बाहर के लोगों से संपर्क कटा रहा। आयकर अधिकारियों ने उनके मोबाइल फोन अपने पास जमा करा लिए थे।

कंपनी का नाम लोन (करोड़ में)  बैंक, जिससे  लोन लिया-राइटर्स एंड पब्लिशर्स प्रा. लि.9,837.00 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लि., आदित्य बिड़ला फाइनेंस लि., एक्सिस सर्विसेस विस्ट्रा ITCL (इंडिया) लि. डीबी पावर लिमिटेड 85,20.75 रुपए बैंक ऑफ बड़ौदा, UBI, CBIX, BOI, SBI कैप ट्रस्टी लिमिटेड डिलीजेंट पॉवर प्रा. लि.7,742.75 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड भास्कर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. 725.208 रुपए SBI कैप ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, SBI, IDBI बैंक लि.भास्कर पब्लिकेशन्स एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लि.458.80 रुपए SBI कैप ट्रस्टी, SBI, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर, बैंक ऑफ  महाराष्ट्र डीबी पावर (मध्य प्रदेश) लिमिटेड 249.86 रुपएआदित्य बिड़ला फाइनेंस लि., RBL बैंक लिमिटेडडीबी कॉर्प लि. 189.00 रुपएIDBI बैंक लिमिटेडडीबी कॉन्सोलिडेटेड प्राइवेट लिमिटेड 185.00 रुपए स्टैंडर्ड चार्टर्ड इन्वेस्टमेंटस एंड लोन्स (इंडिया) लि., विस्ट्रा ITCL (इंडिया) लि.डेकोर थर्मल पावर प्रा. लि.148.00 रुपए   आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेडरीजेंसी एग्रो प्रोडक्ट्स 2.62 रुपएस्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर प्राइवेट लिमिटेड

जीएसटी का एंगल भी- बताया जाता है कि भास्कर समूह के विभिन्न कारोबार में जीएसटी का एंगल भी छानबीन का हिस्सा रहा। समूह की कई इंडस्ट्री से बरामद हुए दस्तावेजों की स्कू्रटनी के बाद संबंधित एजेंसियां कर चोरी का खुलासा करेंगी। आयकर विभाग को आशंका है कि जीएसटी संबंधी अनियमितताएं भी जांच में सामने आ सकती हैं।

पांच दिन में 16% गिरे शेयर- भास्कर ग्रुप पर छापामारी शुरू होने के बाद से उसके (डीबी कॉर्प) शेयर्स में तेजी से गिरावट आ रही है। डीबी कॉर्प का मार्केट कैप भी नीचे आया है। सोमवार को यह 1,647 करोड़ रुपए पर था। छापों के बाद 5 दिन में डीबी कॉर्प के शेयर 16.18 फीसदी टूटे हैं। इनके भाव 18.15 रुपए कम हो चुके हैं। सोमवार को डीबी कॉर्प का शेयर 94.15 रुपए पर बंद हुआ।

कंपनियों का होगा फॉरेंसिक ऑडिट- समूह की जिन कंपनियों के नाम पर हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है, उन सभी की फॉरेंसिक ऑडिट कराने की तैयारी है। यह किसी फर्म अथवा व्यक्ति से संबंधित ऐसा मूल्यांकन है, जिसका उपयोग अदालत में साक्ष्य के रूप में होता है

छापा खत्म होने के बाद दिया जाएगा पूरा ब्यौरा-आयकर विभाग को भास्कर समूह के करीब 3 दर्जन ठिकानों से 6 दिन की पड़ताल के दौरान कितनी प्रॉपर्टी, नकदी, सोना-चांदी व टैक्स चोरी मिली अभी इसका खुलासा होना बाकी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छापे की कार्यवाही संपन्न होने के बाद जब्त की गई अघोषित संपत्ति, नकद राशि, आभूषण के अलावा कुल टैक्स चोरी का ब्यौरा भी जारी किया जाएगा। ( सौ-पीपुल्स समाचार, भोपाल)