कांग्रेस ने दी भाजपा को चुनौती - देश में कहीं पर भी 2500 रुपये क्विंटल में धान बेचकर बताएं

Views
00 पौने 6 सौ धान बेचने वाले भाजपा नेताओं की सूची जारी, पैसा किसके जेब में गया रायपुर। धान खरीदी-बिक्री के बीच प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज हो गया है। कांग्रेस ने भाजपा के लि प्रदेश व्यापी प्रदर्शन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आंदोलन नहीं करना चाहिए, बल्कि किसान विरोधी कानूनों का हिसाब देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह समेत भाजपा नेताओं को सीधे तौर पर चुनौती देते हुए कहा कि देश में कहीं पर भी 2500 रुपये क्विंटल में धान बेचकर बताए। पौने 600 धान बेचने वाले भाजपा नेताओं की सूची जारी करते हुए पूछा कि पैसा किसके जेब में गया? प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन और संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने गुरूवार को पत्रकारवार्ता में भाजपा के प्रस्तावित किसान आंदोलन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश के 28 जिलों के 575 भाजपा नेताओं की सूची जारी की है, जिन्होंने हाल फिलहाल में सरकारी धान खरीदी केन्द्रों में अपना धान बेचा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसी भी भाजपा नेता ने निजी मंडी में धान बेचा, और न ही किसी अन्य राज्य में बेचने गए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के लिए न किसान और न धान महत्वपूर्ण है। भाजपा को धान और नान घोटाले का हिसाब देना चाहिए। केन्द्र की भाजपा सरकार के किसान विरोधी कानूनों का भी हिसाब दे। उन्होंने लोकसभा चुनाव में किसानों की आय दोगुनी करने और स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने जैसे वादों का जवाब देेना चाहिए। नेताद्वय ने कहा कि प्रदेश में 15 साल किसानों के साथ हुए अन्याय और भेदभाव हुआ है। इसको लेकर भी अपना रूख साफ करना चाहिए। श्री देवांगन और त्रिवेदी ने कहा कि पिछले 15 साल में बड़ी संख्या में किसानों ने आत्महत्याओं की है। इसका भी भाजपा को जवाब देना चाहिए। नेताद्वय ने प्रदेश भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को चुनौती दी है कि भाजपा शासित राज्यों में किसानों से खरीदे जा रहे धान के दाम और खरीदी की स्थिति की जानकारी को सार्वजनिक करना चाहिए। दोनों नेताओं ने कटाक्ष किया है कि भाजपा को आंदोलन करने का इतना ही शौक हैं, तो वे दिल्ली जाए, और किसानों के आंदोलन का समर्थन करे। छत्तीसगढ़ की धान खरीदी में धान बेचने वाले भाजपा नेताओं को धान खरीदी पर आंदोलन में शामिल होने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।