पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा का दर्शन करने पर रोक, हर पूजा पंडाल ‘कंटेंनमेंट जोन’, हाइकोर्ट का आदेश

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में इस बार दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में जाकर मां दुर्गा के दर्शन पर रोक लग गयी है. सभी पूजा पंडालों को ‘कंटेनमेंट जोन’ घोषित कर दिया गया है. यानी कोई भी व्यक्ति पूजा पंडाल के अंदर नहीं जा पायेगा. इतना ही नहीं, छोटे पंडालों के 5 मीटर, तो बड़े पंडालों को 10 मीटर के दायरे में भी कोई प्रवेश नहीं कर पायेगा. कलकत्ता हाइकोर्ट ने सोमवार (19 अक्टूबर, 2020) को यह आदेश दिया.

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दुर्गा पूजा की अनुमति दिये जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने यह फैसला सुनाया. हाइकोर्ट ने राज्य के सभी पूजा पंडालों को कंटेनमेंट जोन घोषित करने का निर्देश दिया और साथ ही पंडालों में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी. किसी भी पूजा पंडाल में अब दर्शनार्थी प्रवेश नहीं कर पायेंगे.

मामले की सुनवाई के बाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि राज्य के प्रत्येक पूजा पंडाल के पास बैरिकेडिंग करना होगा, साथ ही प्रवेश निषेध का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा. छोटे पूजा पंडाल से पांच मीटर व बड़े पूजा पंडाल से 10 मीटर के दायरे के अंदर किसी के भी प्रवेश पर पूरी तरह से रोक होगी. खंडपीठ ने कहा कि दर्शनार्थी सिर्फ वर्चुअल माध्यम से ही मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन कर पायेंगे.

हाइकोर्ट ने दुर्गा पूजा के दौरान सुरक्षा-व्यवस्‍था को लेकर भी चिंता जतायी. कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में भीड़ बढ़ेगी, जिससे कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका है. मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने कहा कि आजकल अखबारों में पूजा पंडालों व बाजारों में भीड़ की जो तसवीरें आ रही हैं, वह भयावह है. खरीदारी करने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ रही है और पुलिस उसको भी रोक पाने में असमर्थ है, कहीं भी सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा, तो पूजा पंडाल की भीड़ कैसे संभलेगी.

पंडालों में अभी से हजारों दर्शनार्थी पहुंच रहे हैं. अगले कुछ दिनों में यह संख्या लाखों तक पहुंच जायेगी. न्यायाधीश संजीव बनर्जी ने सर‌कार से सवाल किया कि आखिर दो-तीन लाख लोगों को महज 30 हजार पुलिस कैसे संभालेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने गणेश पूजा की अनुमति नहीं दी थी, तो यहां दुर्गा पूजा की अनुमति क्यों दी गयी. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस बल की संख्या बढ़ायी जायेगी. कोर्ट ने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों में सद्भावना है, कोई क्रियान्वयन नहीं है. इसे सही प्रकार से लागू नहीं किया जा रहा. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार पर टिप्पणी करते हुए कि गृह व मुख्य सचिव को और अधिक सक्रिय होना चाहिए था. इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि हाइकोर्ट ने पुलिस प्रशासन व आयोजक कमेटियों को इस निर्देशों का पालन करने को कहा है. इन आदेशों का कितना पालन हुआ, इसे लेकर राज्य सरकार को रिपोर्ट जमा करनी होगी. मामले की सुनवाई लक्खी (लक्ष्मी) पूजा के बाद होगी.