मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी सभाओं को सम्बोधित करते हुए

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उत्तर प्रदेश।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैमूर के रामगढ़ और अरवल में चुनावी सभाओं को सं‍बोधित करते हुए राजद समेत विपक्ष पर सीधा हमला किया। उन्होंने कोरोना काल में हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बिहारियों के लिए किये गए अपने कामों को बताया। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा जब कोरोना काल में लौट रहे थे तो दिल्ली में उनसे आम आदमी पार्टी के लोगों ने दुर्व्यवहार किया। लेकिन, जैसे ही यूपी आए तो हमने उनके लिए गर्म पानी की व्यवस्था कराई। उनको बिहार तक पहुंचाने का उचित प्रबंध करवाया। पिछले 7 महीने से पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। पीएम ने कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन, किसानों के खाते में पैसे दिए। अगर राजद की सरकार होती तो क्या ऐसा मिल पाता?


राजद पर करते रहे हमला


राजद पर हमला जारी रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके पोस्टरों में चार के अलावा किसी पांचवें की फोटो तक नहीं दिखाई देती है। जब पोस्टर में जगह नहीं दे पा रहे हैं तो क्या सत्ता में देंगे? चारा घोटाले को याद करते हुए योगी ने कहा कि इन लोगों का पेट तो इतना बड़ा है कि गरीबों का राशन तो खाया ही खाया, गाय-भैंस का चारा भी खा गए थे।


'राजद ने बिहारियों के लिए पहचान की संकट खड़ी कर दी थी'


योगी ने कहा कि याद कीजिए नीतीश से पहले बिहार में किस तरह की सरकार थी। राजद की सरकार के बिहार के नौजवानों लिए पहचान की संकट खड़ी कर दी थी। बिहार का नौजवान उस समय कहीं जाता था तो अपनी पहचान को छिपाने के लिए मजबूर हो जाता था। हमें ऐसा नेतृत्व नहीं चाहिए जो हमारे पहचान के संकट खड़ा कर दे। जो हमारे विकास के लिए संकट खड़ा कर दे। जो विकास के आने वाले पैसे को अपने लिए डकार लें। विकास के इस पैसे को अपने परिवार के लिए और फिर विकास से बाधित जनता को अपराध और आतंकवाद की ओर धकेल दे।


'हम विकास की, वे जाति की बात करते हैं'


योगी ने कहा कि एक तरफ विकास योजनाओं को लेकर कार्य करने वाली सरकारें हैं। और दूसरी तरफ जाति, क्षेत्र, भाषा और नरसंहार के नाम पर लड़ाने वाले हैं। हम लोग विकास की बात करते हैं। वे लोग जाति की बात करते हैं। हम लोग देश की बात करते हैं, वे लोग परिवार की बात करते हैं। हम लोग सबका साथ सबके विकास की बात करते हैं तो वे लोग बात करते हैं कि नहीं देश के संसाधनों पर एक मजहब विशेष का अधिकार है। ये मानसिकता देश को विघटन की ओर ले जाने की है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों की मंशा 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की परिकल्पना को साकार करने की है।